Thursday, October 9, 2025
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पुंछ के कालाबन गाँव में जोशीमठ की तरह धँस रही जमीन, 76 घर और 3 स्कूल क्षतिग्रस्त; सीएम ने किया दौरा

कलाबन उन 11 गाँवों में से एक है जहाँ जम्मू, रामबन, पुंछ, राजौरी और रियासी जिलों में मानसून के बाद के दिनों में भू-धंसाव हुआ है।

श्रीनगरः कश्मीर के पूंछ ज़िले की एलओसी से सटे मेढ़र तहसील के कालाबन गांव में हालिया भारी बारिश और भूस्खलन के बाद जोशीमठ जैसी जमीन धंसने की घटना सामने आई है। सितंबर के पहले हफ्ते से ही यहाँ जमीन धँसने लगी, जिससे कम से कम 76 घर, तीन स्कूल और दो धार्मिक स्थल क्षतिग्रस्त हो गए। इस घटना से सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कालाबन का दौरा किया और नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने विस्थापित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के तहत पहले से ही आवंटित 50 लाख रुपये के अलावा, 38 लाख रुपये की तत्काल सहायता राशि मंजूर की।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गाँव तक पहुँचने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया। उन्होंने उन सभी क्षेत्रों का निरीक्षण किया जहाँ भू-धंसाव से घरों, सड़कों और अन्य बुनियादी ढाँचों को नुकसान पहुँचा है। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को स्थिति से अवगत कराया, जिसमें डिप्टी कमिश्नर अशोक शर्मा और स्थानीय विधायक जावेद राणा भी शामिल थे।

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मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रभावित लोगों से मिलकर उनकी शिकायतें सुनीं और उन्हें सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने अधिकारियों को रहने और खाने-पीने की सभी जरूरी सुविधाएँ प्रदान करने का भी निर्देश दिया।

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के मानदंडों के अनुसार, प्राकृतिक आपदाओं से पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए 1.35 लाख रुपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 50,000 रुपये और बर्तनों के लिए 5,000 रुपये की राहत राशि दी जाती है। इस मानसून में पुंछ और जम्मू क्षेत्र के अन्य जिलों में भारी और लगातार बारिश हुई, जिसके बाद भूस्खलन की घटनाएँ हुईं। पहली बार, लोगों ने महसूस किया कि बारिश के साथ ही उनके गाँव की जमीन भी नीचे धँस रही है।

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मेंढर के तहसीलदार राहुल बसोत्रा ने बताया कि कालाबन में 7 सितंबर से जमीन धँसने लगी थी। इसके कारण गाँव के घरों, स्कूलों, मस्जिदों और सड़कों में दरारें आ गईं, जिससे स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। बसोत्रा के अनुसार, गाँव में 76 घर, तीन स्कूल और दो मस्जिदें क्षतिग्रस्त हुई हैं और सड़कों में भी लंबी और गहरी दरारें पड़ गई हैं। गाँव में बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई है।

तहसीलदार ने बताया कि 45 घर पूरी तरह ढह गए हैं, जबकि बाकी को आंशिक या गंभीर नुकसान हुआ है। प्रभावित परिवार सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं, जिनमें से अधिकांश अपने रिश्तेदारों के यहाँ चले गए हैं। सरकार ने भी चार स्थानों पर राहत केंद्र स्थापित किए हैं।

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को एक स्थानीय ने बताया उनका घर भू-धंसाव की वजह से पूरी तरह नष्ट हो गया। उन्होंने कहा कि यह सब इतना अचानक हुआ कि परिवारों को अपना सामान और कीमती चीजें निकालने का भी मुश्किल से समय मिला। कई लोग सिर्फ उन्हीं कपड़ों में रह गए हैं जो उन्होंने पहने हुए थे। हुसैन ने कहा कि ग्रामीणों ने अपने जीवन भर की बचत से घर बनाए थे, जो अब क्षतिग्रस्त और रहने लायक नहीं हैं।

कालाबन उन 11 गाँवों में से एक है जहाँ जम्मू, रामबन, पुंछ, राजौरी और रियासी जिलों में मानसून के बाद के दिनों में भू-धंसाव हुआ है। इससे 200 से अधिक घरों को नुकसान पहुँचा है और 3,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.in
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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