Thursday, October 9, 2025
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PoK की बगावत इस्लामाबाद पहुंची! प्रेस क्लब में पुलिस के एक्शन बाद भड़के पाकिस्तानी पत्रकार, मना रहे ‘ब्लैड डे’

पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान जर्नविस्ट्स यूनियन ने गुरुवार को इस्लामाबाद नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों पर कथित हमले के बाद शुक्रवार को ‘काला दिवस’ ​मनाने की घोषणा की है।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJk) में लगातार पांच दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन की आग अब इस्लामाबाद पहुंच गई है। सामने आई जानकारी के अनुसार गुरुवार को अचानक इस्लामाबाद पुलिस शहर में स्थित नेशनल प्रेस क्लब पहुंच गई और लाठीचार्ज सहित वहां मौजूद लोगों को प्रताड़ित किया। पत्रकारों पर भी लाठी बरसाने की खबरें हैं।

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पीओजेके के वकील समुदाय प्रेस क्लब में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तभी पुलिस वहां पहुंच गई और लाठियां बरसाने लगी। पुलिस के इस कदम को लेकर नाराजगी भी सामने आई है।

पाकिस्तानी पत्रकार आज मनाएंगे ब्लैक डे

पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान पत्रकार संघ ने गुरुवार को इस्लामाबाद नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों पर कथित हमले के बाद शुक्रवार को ‘काला दिवस’ ​मनाने की घोषणा की है। पाकिस्तान फेडरल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (पीएफयूजे) के अध्यक्ष अफजल बट ने कहा, ‘पत्रकार इस समय गुस्से में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान भर के सभी प्रेस क्लब इस कृत्य की निंदा में काले झंडे फहराएंगे।’

इससे पहले कल पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा, ‘इस्लामाबाद पुलिस द्वारा नेशनल प्रेस क्लब पर छापे और पत्रकारों पर हमले की एचआरसीपी कड़ी निंदा करता है। हम तत्काल जाँच और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग करते हैं।’

प्रेस क्लब पर पुलिस का एक्शन, उठ रहे सवाल

प्रेस क्लब में इस्लामाबाद पुलिस की कार्रवाई को लेकर पाकिस्तानी पत्रकार जाहिद गिशकोरी ने भी सवाल उठाया कि मीडिया के लिए सुरक्षित मानी जाने वाली एक जगह कैसे पुलिस के निशाने पर आ गई। उन्होंने लिखा, ‘इस्लामाबाद प्रेस क्लब पर पुलिस का क्रूर हमला गंभीर सवाल उठाता है कि कैसे पत्रकारों का घर उन लोगों के लिए असुरक्षित हो जाता है, जिनके पास विरोध करने या कम से कम अपनी आवाज उठाने के लिए कोई जगह नहीं होती। पत्रकार संगठनों को अब एकजुट होना होगा।’

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की पूर्व दूत मलीहा लोधी ने इस घटना को निंदनीय बताया और जवाबदेही की मांग की। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट किया, ‘निंदनीय। इसे किसने कराया? इस्लामाबाद पुलिस ने नेशनल प्रेस क्लब पर धावा बोल दिया।’

इससे पहले पीओजेके की राजधानी मुजफ्फराबाद में पाकिस्तानी सेना द्वारा कथित तौर पर शहीद किए गए तीन युवकों के जनाजे में हजारों लोग शामिल हुए। एक सोशल मीडिया यूजर नदीम ने लिखा, ‘पाकिस्तानी सेना द्वारा शहीद किए गए तीन युवकों के जनाजे की नमाज अदा की गई, और हजारों लोग जनाजे की नमाज में शामिल हुए।’

नदीम ने चल रहे प्रदर्शन के दौरान अधिकारियों पर दोहरे मापदंड अपनाने का भी आरोप लगाया। नदीम ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर ज्वायंट पीपुल एक्शन कमिटी का मार्च शांतिपूर्ण है, लेकिन…पाकिस्तानी सेना निहत्थे नागरिकों पर अत्याचार और उत्पीड़न कर रही है और उन्हें शहीद कर रही है।’

बता दें कि जम्मू कश्मीर ज्वायंट पीपुल एक्शन कमिटी (JKJAAC) के नेतृत्व में हो रहे ये विरोध प्रदर्शन 38 सूत्री मांगों पर केंद्रित हैं, जिनमें राजनीतिक सुधार, महंगाई में कमी, सस्ता आटा, बिजली की दरों में कमी, मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं, और सरकारी अधिकारियों के लिए अतिरिक्त भत्ते समाप्त करना शामिल है।

इसके अलावा पाकिस्तान में बसे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 विधायी सीटों को समाप्त करने के सरकार के फैसले के बाद गुस्सा और बढ़ गया है। पीओजेके के सभी जिलों में दुकानें, बाजार और परिवहन सेवाएं बंद हैं, और अनिश्चितकालीन तालाबंदी और इंटरनेट ब्लैकआउट के बावजूद बड़ी संख्या में लोग और उनका काफिला नाकेबंदी तोड़कर मुजफ्फराबाद पहुंच रहा है।

20 से ज्यादा मौत, आंदोलन दबाने में जुटी पाक सरकार

इस बीच पाकिस्तान में कुछ प्रमुख आवाजों ने इस प्रदर्शन को समर्थन दिया है। इमरान खान की पीटीआई की नेता सैयदा जहर ने गुरुवार को पोस्ट किया, ‘रावलकोट से लोगों का एक सैलाब मुजफ्फराबाद की ओर निकल पड़ा है।’ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समन्वयक चौधरी मुद्दसर रजा मछियाना ने भी प्रदर्शनकारियों की प्रशंसा करते हुए लिखा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) के लोगों को सलाम, जो अपने अधिकारों की मांग करना जानते हैं।

वहीं, नीलम वैली पब्लिक एक्शन कमेटी के नेता शौकत नवाज मीर ने सरकार पर नागरिकों को चुप कराने के लिए बल प्रयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने एक वायरल वीडियो में कहा, ‘यह सरकार एक शैतान बन गई है… वे मीडिया को बंद करके, सेना तैनात करके और हम पर गोलीबारी करके हमें चुप कराना चाहते हैं।’

बता दें कि सूत्रों और स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार पिछले तीन दिनों में हिंसक झड़पों में 20 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। प्रदर्शन में गुरुवार को 9 लोगों की मौत की खबर आई। मीरपुर के दुदयाल में, एक्शन कमेटी ने घोषणा की कि एक प्रदर्शनकारी के शव को तब तक नहीं दफनाया जाएगा जब तक प्रशासन उनकी माँगें नहीं मान लेता।

इस बीच जैसे-जैसे प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं, पूरे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओजेके) में और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। दमन की तमाम कोशिशों के बावजूद अभी आंदोलन धीमा होने का नाम नहीं ले रहा है और प्रदर्शनकारियों ने अपनी माँगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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