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नई सिंधु जल रणनीति का संकेत! पीएम मोदी ने क्या कहा जो पाकिस्तान को करेगा परेशान?

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सिंधु जल संधि (IWT) को स्थगित करने के बाद भारत नदी प्रणाली का अधिक मजबूती से उपयोग करने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि समझौते में पूर्व में ‘बुरी तरह से हुई बातचीत’ की शर्तों के कारण देश को अपने ही संसाधन का उचित हिस्सा इस्तेमाल में लाने की अनुमति नहीं थी। 

पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं युवा पीढ़ी को बताना चाहूंगा कि इस देश को कैसे बर्बाद किया गया। IWT पर करीब से नजर डालने पर आप चौंक जाएंगे। यह तय किया गया था कि जम्मू-कश्मीर की नदियों पर बने बांधों की सफाई नहीं की जाएगी। गाद निकालने का काम नहीं किया जाएगा। तलछट साफ करने वाले निचले गेट बंद रहेंगे। 60 साल तक ये गेट कभी नहीं खोले गए। नतीजतन, जलाशय अपनी भंडारण क्षमता का केवल 2-3% ही प्रभावी रूप से उपयोग कर सके।’

पीएम मोदी की यह टिप्पणी ‘गुजरात शहरी विकास गाथा’ के 20 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह के दौरान आई। उन्होंने दोहराया कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने का निर्णय 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में लिया गया।

सिंधु जल संधि को लेकर नई शर्तों पर होगी बात?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘संधि को केवल स्थगित किया गया है और उनका अभी से पसीना निकल रहा है। हमने बांधों की सफाई के लिए छोटे-छोटे गेट खोले हैं और वहां पहले से ही बाढ़ आ गई है।’ 

प्रधानमंत्री मोदी ने पहले कहा था कि सिंधु जल संधि को फिर से सक्रिय करना पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को अपना समर्थन बंद करने पर निर्भर करेगा। खास बात ये भी है कि पीएम मोदी ने मंगलवार को पहली बार इस संधि के क्लॉज और भारत को हो रहे इसके नुकसान को लेकर चर्चा की।

उन्होंने इस दौरान संधि के एक क्लॉज का भी उदाहरण दिया, जो भारत को जम्मू और कश्मीर में चेनाब नदी पर बगलिहार और सलाल रन-ऑफ-द-रिवर हाइड्रो-पावर परियोजनाओं के जलाशयों में गाद निकालने और फ्लशिंग ऑपरेशन करने से रोकता है। 

इन बांधों का निर्माण पूरी तरह से 1960 के जल-साझाकरण समझौते के अनुरूप किया गया था। पिछले हफ्ते, भारत ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि तब तक ‘स्थगित’ रहेगी जब तक कि इस्लामाबाद ‘विश्वसनीय रूप से’ सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता। पीएम मोदी ने कहा था कि ‘पानी और खून’ एक साथ नहीं बह सकते।

पाकिस्तान ने बातचीत के दिए हैं संकेत

इस बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को कश्मीर, सिंधु जल संधि और आतंकवाद सहित सभी मुद्दों के समाधान के लिए भारत के साथ सीधी बातचीत की मांग की।

पाकिस्तानी पीएम की ताजा टिप्पणी ईरान की राजधानी तेहरान की यात्रा के दौरान आई, जहाँ शहबाद शरीफ अपनी चार देशों की यात्रा के तहत पहुँचे थे। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा, ‘हम कश्मीर मुद्दे और जल मुद्दे सहित सभी विवादों को बातचीत के ज़रिए सुलझाना चाहते हैं और हम अपने पड़ोसी के साथ व्यापार और आतंकवाद मुद्दों पर भी बातचीत करने के लिए तैयार हैं।’

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