Thursday, October 9, 2025
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‘घुसपैठ से बड़ा खतरा जनसांख्यिकीय बदलाव’, संघ के शताब्दी समारोह में पीएम मोदी ने और क्या कहा?

प्नधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघ की 100 साल की यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए स्मारक डाक टिकट और 100 रुपये का विशेष सिक्का भी जारी किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए देश की एकता और आंतरिक सुरक्षा पर मंडरा रहे एक बड़े खतरे के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा कि देश की एकता के लिए घुसपैठ और बाहरी ताकतें हमेशा से चुनौती रही हैं, लेकिन आज की सबसे बड़ी चुनौती ‘जनसांख्यिकीय बदलाव’ (Demographic Change) से आ रही है, जो सामाजिक समानता को कमजोर कर रहा है।

प्नधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघ की 100 साल की यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए स्मारक डाक टिकट और 100 रुपये का विशेष सिक्का भी जारी किया।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की आत्मा विविधता में एकता है, लेकिन जाति, भाषा, प्रांतवाद और चरमपंथ जैसी विभाजनकारी सोच अगर अनियंत्रित रही, तो यह राष्ट्रीय एकता और संस्कृति के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि बाहरी ताकतें और घुसपैठ लंबे समय से चुनौती रही हैं, लेकिन आज का सबसे बड़ा संकट जनसांख्यिकीय बदलाव है, जो सामाजिक समानता और राष्ट्रीय एकता को कमजोर कर सकता है।

‘बाहरी शक्तियों की साजिशें हमारे सामने खड़ी हैं’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “सामाजिक समानता का मतलब है वंचितों को प्राथमिकता देना और न्याय के साथ राष्ट्रीय एकता स्थापित करना। आज कई संकट सीधे हमारी एकता, संस्कृति और सुरक्षा पर चोट कर रहे हैं। चरमपंथ, प्रांतवाद, जातीय विवाद, भाषाई विभाजन और बाहरी शक्तियों की साजिशें हमारे सामने खड़ी हैं। लेकिन जनसांख्यिकीय बदलाव का संकट इन सब से बड़ा है। यह आंतरिक सुरक्षा और भविष्य की शांति से जुड़ा हुआ है।”

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि इसी चिंता के चलते उन्होंने लाल किले से “जनसांख्यिकीय मिशन” की घोषणा की थी और देशवासियों से सतर्क रहकर इस चुनौती से निपटने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि आर्थिक निर्भरता भी भारत की एकता तोड़ने की साजिश का हिस्सा है और इसके खिलाफ आत्मनिर्भर भारत की नीति ही जवाब है।

इस अवसर पर पीएम मोदी ने संघ के योगदानों की सराहना करते हुए कहा कि वह संतोष से देख रहे हैं कि इन चुनौतियों का मुकाबला सरकार और समाज मिलकर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संघ के बारे में कहा जाता है कि इसमें सामान्य लोग जुड़कर असाधारण और अभूतपूर्व कार्य करते हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रिय संघ की शाखाओं और संगठनों का लक्ष्य एक ही है- राष्ट्र प्रथम। यही भावना इसकी हर गतिविधि की प्रेरणा रही है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सरकार भी इसी दृष्टि से अन्नदाताओं के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। हाल ही में रबी फसलों की एमएसपी बढ़ाने का निर्णय इसी दिशा का हिस्सा है। इससे न केवल हमारी खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। संघ का विश्वास है कि 2047 तक भारत तत्वज्ञान और विज्ञान के साथ सेवा और समरसता से गढ़ा हुआ वैभवशाली राष्ट्र बनेगा। यही दृष्टि, यही स्वयंसेवकों की साधना और यही संकल्प है।

पीएम मोदी ने महात्मा गांधी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, संघ के ‘पंच परिवर्तन’ विकसित भारत के निर्माण की नींव माने जाते हैं। महात्मा गांधी ने भी संघ की समता और समरसता की खुले तौर पर सराहना की थी। सेवा भारती से लेकर वनवासी कल्याण आश्रम जैसे संगठनों के माध्यम से संघ ने दुर्गम इलाकों तक पहुंचकर आदिवासी भाई-बहनों के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। स्वयं कष्ट सहकर दूसरों के दुख दूर करना हर स्वयंसेवक की पहचान है, और देशवासियों ने बड़ी से बड़ी चुनौतियों में इसका प्रत्यक्ष अनुभव किया है। आज़ादी के आंदोलन में भी संघ की भूमिका प्रेरणादायी रही, जिसके संस्थापक डॉ. हेडगेवार को कई बार जेल जाना पड़ा।

संघ पर डाक टिकट और सिक्का जारी

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi attends the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) Centenary Celebrations in New Delhi, Wednesday, October 01, 2025. (Photo: IANS/PMO)

संघ के शताब्दी समारोह पर डाक टिकट और सिक्का जारी किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि संघ की 100 वर्षों की गौरवमयी यात्रा की स्मृति में आज जारी हुए विशेष डाक टिकट और भारत माता की तस्वीर वाले सिक्के समाज और देशसेवा में जुटे स्वयंसवकों की अथक और अनवरत यात्रा का प्रतीक हैं।

संघ पर जारी डाक टिकट और सिक्का कई मायनों में खास हैं। डाक टिकट पर 1963 की ऐतिहासिक परेड की तस्वीर छपी है, जब 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संघ से गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का अनुरोध किया था।

वहीं, सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय चिन्ह है, जबकि दूसरी ओर सिंह पर विराजमान भारत माता की भव्य छवि अंकित है, जिसके सामने स्वयंसेवक नमन कर रहे हैं। सिक्के पर संघ का बोध वाक्य भी लिखा गया है- राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम।

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi and RSS Sarkaryavah Dattatreya Hosabalethe attend the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) Centenary Celebrations in New Delhi, Wednesday, October 01, 2025. (Photo: IANS/PMO)

गौरतलब है कि संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी। आज 100 साल बाद इसकी शाखाएं पूरे देश में फैली हैं और संघ से जुड़ा व्यापक परिवार संघ परिवार के नाम से जाना जाता है।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.in
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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