तियानजिनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए आतंकवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की मौजूदगी में कहा कि भारता आतंकवाद का दंश झेल रहा है और पहलगाम हमला मानवता पर हमला है।
पीएम मोदी ने एससीओ बैठक में आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद को बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पूरी मानवता के लिए साझा चुनौती है। कोई देश या समाज इससे अपने आपको सुरक्षित नहीं समझ सकता। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत ने एकजुटता पर बल दिया है जिसमें एससीओ ने भी बड़ी भूमिका निभाई है।
पीएम मोदी ने बैठक में कहा, भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। कितने ही बच्चे खोए और कितने ही बच्चे अनाथ हो गए। उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि अभी हाल ही में आतंकवाद का बहुत ही घिनौना रूप देखा है। इस दुखद वक्त में साथ खड़े रहने वाले मित्र देशों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता हैः पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात को रखते हुए आगे इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ और स्पष्ट रुख अपनाना होगा। किसी भी दोहरे मापदंड को खारिज करना होगा। आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ना केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि मानवता के प्रति हमारा नैतिक कर्तव्य है।
पीएम मोदी ने कहा कि पहलगाम हमला उन सभी देशों और व्यक्तियों को खुली चुनौती थी जो मानवता में विश्वास रखते हैं। पाकिस्तानी पीएम की मौजूदगी में उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है। हमें साफ-साफ एक आवाज में कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं होगा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस साल भारत ने जॉइंट इंफॉर्मेशन ऑपरेशन को लीड करते हुए आतंकी संगठनों से लड़ने की पहल की है। टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ आवाज उठाई है। इस पर मेरे समर्थन के लिए मैं सभी का आभार व्यक्त करता हूं।
भारत की सोच ‘एस-सी-ओ’ पर आधारितः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने एससीओ बैठक में कहा, “मुझे एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेकर खुशी हो रही है। मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग को हमारे भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। आज उज्बेकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस है। मैं उन्हें भी बधाई देता हूं।” उन्होंने कहा कि भारत की सोच और नीति ‘एस – सिक्यूरिटी, सी- कनेक्टिविटी और ओ- ऑपर्च्युनिटी’ पर आधारित है।
बता दें कि एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी इस साल चीन कर रहा है। इस समूह में आठ सदस्य देश – चीन, भारत, रूस, पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं। इस संगठन का फोकस यूरेशियाई क्षेत्र में राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित है। यह पहला मौका है, जब प्रधानमंत्री मोदी सात साल बाद चीन पहुंचे हैं, जो भारत और चीन के बीच 2020 के सीमा विवाद के बाद जटिल द्विपक्षीय संबंधों के बीच विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।