नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार, 18 सितंबर को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की से फोन पर बात कही। इस दौरान पीएम मोदी ने देश में “शांति और स्थिरता बहाल करने के उनके प्रयासों के लिए भारत का दृढ़ समर्थन” व्यक्त किया। पीएम मोदी ने कार्की से फोन पर बात की है जब बीते दिनों वहां बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे और इसके चलते प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा था।
के पी शर्मा ओली के बाद कार्की देश का नेतृत्व करने वाली पहली महिला प्रमुख बन गई हैं।
पीएम मोदी ने एक्स पर क्या लिखा?
सुशीला कार्की से फोन कॉल के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट भी किया। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा “नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की से गर्मजोशी से बात हुई। हाल ही में हुई दुखद जनहानि पर संवेदना व्यक्त की और शांति और स्थिरता बहाल करने के प्रयासों के प्रति भारत के दृढ़ समर्थन की पुष्टि की। साथ ही मैंने उन्हें और नेपाल की जनता को कल उनके राष्ट्रीय दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं। “
नेपाल की अंतरिम सरकार को अगले छह महीने में चुनाव कराने के लिए कहा गया है। दिल्ली ने इसे एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा है कि राजनैतिक दल लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा हैं।
यह भी पढ़ें – चुनाव से पहले नीतीश कुमार का बड़ा दांव, बेरोजगार स्नातकों को 1,000 रुपये मासिक भत्ता
भारत ने 13 सितंबर को नेपाल में कार्की के नेतृत्व में गठित अंतरिम सरकार का स्वागत किया था। भारत की तरफ से यह आशा व्यक्त की गई थी कि इससे शांति और स्थायित्व बढ़ाने में मदद मिलेगी।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा था “हमें उम्मीद है कि इससे शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। एक करीबी पड़ोसी, एक लोकतांत्रिक देश और दीर्घकालिक विकास साझेदार के रूप में भारत अपने दोनों देशों और लोगों की भलाई और समृद्धि के लिए नेपाल के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।”
नेपाल के पीएम के पी शर्मा ने दिया था इस्तीफा
इससे पहले 9 सितंबर को जब के पी शर्मा की सरकार गिरने के बाद वहां के नेताओं को निशाना बनाकर हमला किया गया था। पीएम मोदी ने इस पर चर्चा करने के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक की अध्यक्षता की और कहा कि वहां हुई हिंसा “हृदय विदारक” थी।
पीएम मोदी ने इस बात पर दुख व्यक्त किया था कि विरोध प्रदर्शनों में कई युवाओं की जान चली गई। इसके साथ ही नेपाल के लोगों से शांति का समर्थन करने की अपील की थी क्योंकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि देश की स्थिरता शांति और समृद्धि अत्यंत महत्वपूर्ण है।
काठमांडू की सड़कों पर नेताओं पर हमलों के साथ प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों को भी आग लगा दी। इस पर भारत ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा था भारत इस पर नजर बनाए हुए है और आशा व्यक्त की थी संयम बरता जाएगा और सभी मुद्दों का “शांतिपूर्ण तरीकों और बातचीत के जरिए” समाधान निकाला जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि एक अच्छे दोस्त और पड़ोसी की तरह, हम आशा करते हैं कि सभी संबंधित पक्ष संयम बरतेंगे और शांतिपूर्ण तरीकों और बातचीत के जरिए किसी भी मुद्दे का समाधान करेंगे।
भारत ने एक यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की थी जिसमें नेपाल में रह रहे भारतीय नागरिकों से अपने निवास में रहने और सड़कों पर जाने से बचने का आग्रह किया था।