मुंबईः दो दिन के दौरे पर महाराष्ट्र पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार स्टेट-ऑफ-द-आर्ट नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (NMIA) का उद्घाटन किया। करीब 19,650 करोड़ रुपये की लागत से बना यह अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा देश के सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट्स में से एक है।
यह परियोजना अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स के नेतृत्व में और मशहूर वास्तुकार जाहा हदीद आर्किटेक्ट्स (ZHA) के डिजाइन पर आधारित है। इस परियोजना का स्वामित्व नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के पास है। इसमें मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की 74 प्रतिशत और सीआईडीसीओ की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
नवी मुंबई हवाई अड्डा, छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाद मुंबई का दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा।
एयरपोर्ट का डिजाइन भारत के राष्ट्रीय फूल कमल से प्रेरित है। इसका विशाल स्टील और ग्लास से बना टर्मिनल छत पर ऐसे तैरता दिखाई देता है मानो शहर के ऊपर कोई कमल खिल गया हो। इसे सहारा देने वाले 12 पंखुड़ी आकार के कॉलम और 17 विशाल मेगा-कॉलम इसकी खूबसूरती में ना सिर्फ चार चाँद लगाते हैं बल्कि भूकंप और तेज हवाओं को भी झेलने में सक्षम हैं।

जाहा हदीद आर्किटेक्ट्स की यह शैली आधुनिक, प्रवाही और भारतीय सांस्कृतिक पहचान से जुड़ी है। जैसे बीजिंग के दाशिंग एयरपोर्ट को उसकी पहचान मिली, वैसे ही नवी मुंबई एयरपोर्ट को भी भारत की नई वास्तु धारा का प्रतीक माना जा रहा है।
2 करोड़ यात्रियों की क्षमता
यह एयरपोर्ट कई चरणों में तैयार किया जाना है। पहले चरण में एयरपोर्ट में एक 3,700 मीटर लंबा रनवे और एक मुख्य टर्मिनल शामिल है, जिसकी सालाना यात्री क्षमता 20 मिलियन (2 करोड़) होगी। आने वाले चरणों में इसे 60 से 90 मिलियन यात्रियों की क्षमता तक बढ़ाया जाएगा। पूरी योजना के तहत चार टर्मिनल और दो समानांतर रनवे होंगे, जिससे यह एशिया के सबसे व्यस्त हवाईअड्डों में शामिल होगा।
कार्गो हैंडलिंग क्षमता पहले चरण में 0.5 मिलियन मीट्रिक टन होगी, जिसे आगे बढ़ाकर 3.25 मिलियन मीट्रिक टन किया जाएगा।

यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं
पहले चरण में एयरपोर्ट में 88 चेक-इन काउंटर हैं, जिनमें से 22 सेल्फ-सर्विस होंगे। यात्री अनुभव को सहज बनाने के लिए “वन-अप एंड-टू-एंड बैगेज सुविधा” नामक ऐप लॉन्च किया गया है, जिससे मेट्रो स्टेशन से सीधे चेक-इन और बैगेज सर्विस की सुविधा मिलेगी।
एयरपोर्ट के अंदर रोशनी, खुला स्पेस और आसान नेविगेशन को प्राथमिकता दी गई है। यात्रा पथों में ट्रैवलेटर, स्पष्ट साइनबोर्ड, और ओपन कॉनकोर्स होंगे, ताकि यात्रियों को किसी भी चरण में दिशा भ्रम न हो।
पर्यावरण के साथ कनेक्टिविटी पर भी दिया गया ध्यान

नवी मुंबई हवाई अड्डा को हरित ऊर्जा और जल संरक्षण के मानकों पर बनाया गया है। टर्मिनल के भीतर डिजिटल कला के माध्यम से भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा और संचालन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग होगा।
बेहतर कनेक्टिविटी के लिए अटल सेतु से कोस्थल रोड तक नई सड़क, जल टैक्सी सेवा, और प्रस्तावित मेट्रो लाइन 8 तैयार की जा रही है, जो इसे मौजूदा छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से जोड़ेगी।
यह हवाई अड्डा जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) बंदरगाह से 14 किमी, महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमआईडीसी), तलोजा इंडस्ट्रियल एरिया से 22 किमी, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के माध्यम से) से 35 किमी, ठाणे से 32 किमी और पावरलूम शहर भिवंडी से 40 किमी दूर होगा। साइट उल्वे क्षेत्र में फैली है, जो दक्षिण मुंबई से लगभग 37 किलोमीटर दूर है।

30 सितंबर को डीजीसीए ने इसे आधिकारिक एयरोड्रोम लाइसेंस जारी किया। नवी मुंबई हवाई अड्डा और छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे मिलकर मुंबई महानगरीय क्षेत्र के लिए एक मल्टी-एयरपोर्ट सिस्टम तैयार करेंगे, जिसकी संयुक्त क्षमता 150 मिलियन यात्रियों प्रति वर्ष तक होगी।