Friday, October 10, 2025
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भारत ने मालदीव को दी ₹4850 करोड़ की क्रेडिट लाइन, व्यापार और रक्षा सहयोग पर हुई अहम बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा दी है। शुक्रवार को पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बीच हुई उच्च स्तरीय वार्ता के बाद भारत ने मालदीव को 565 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 4850 करोड़ रुपये) की लाइन ऑफ क्रेडिट देने की घोषणा की। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर भी औपचारिक बातचीत की शुरुआत हो गई है।

प्रधानमंत्री मोदी कहा, “हमारी आर्थिक साझेदारी को गति देने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं। आपसी निवेश को गति देने के लिए हम शीघ्र ही द्विपक्षीय निवेश संधि को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करेंगे, ‘फ्री ट्रेड एग्रीमेंट’ पर भी बातचीत शुरू हो गई है। हमारा लक्ष्य कागजी काम से समृद्धि तक है।”

वर्तमान सहयोग को ‘मित्रता और विश्वास का प्रमाण’ बताते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि “मालदीव भारत की ‘पड़ोसी प्रथम नीति’ और ‘महासागर’ (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) दृष्टिकोण का अभिन्न हिस्सा है।”

मालदीव के लिए सहायता में इजाफा

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने फरवरी 2025 के बजट में मालदीव के लिए सहायता राशि को 400 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 600 करोड़ रुपये कर दिया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 27% की वृद्धि है। इसके अलावा, भारत ने मालदीव की राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) को 72 वाहन प्रदान किए हैं।

पीएम मोदी शुक्रवार सुबह माले पहुंचे, जहाँ राष्ट्रपति मुईज्जू और उनके वरिष्ठ मंत्रियों ने वेलाना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। इसके कुछ घंटों बाद, रिपब्लिक स्क्वायर पर उन्हें रंगारंग औपचारिक स्वागत और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

हम सिर्फ पड़ोसी नहीं, मित्र भी हैंः पीएम नरेंद्र मोदी

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा हवाई अड्डे पर स्वागत करने का यह भाव मुझे गहराई से छू गया। मुझे विश्वास है कि भारत-मालदीव मित्रता भविष्य में नई ऊंचाइयों को छुएगी।” 

दोनों नेताओं ने पारंपरिक नावों की तस्वीरों वाले स्मारक डाक टिकट भी संयुक्त रूप से जारी किए। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, “हम केवल पड़ोसी नहीं, बल्कि अच्छे मित्र भी हैं।”

पीएम मोदी ने कहा, “हमारी साझेदारी अब मौसम विज्ञान में भी होगी। मौसम चाहे जैसा हो, हमारी मित्रता सदैव उज्ज्वल और स्पष्ट रहेगी। हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि हमारा साझा लक्ष्य है। मालदीव की रक्षा क्षमताओं के विकास में भारत निरंतर सहयोग देता रहेगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि हमारा साझा लक्ष्य है। कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव में साथ मिलकर हम रीजनल मैरीटाइम सिक्योरिटी को मजबूत बनाएंगे। क्लाइमेट चेंज हमारे लिए बड़ी चुनौती है। हमने तय किया है कि रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देंगे। इस क्षेत्र में भारत अपना अनुभव मालदीव के साथ साझा करेगा।’

राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र में मुख्य साझेदार बताया और कहा कि भारत, मालदीव पर्यटन के लिए भी एक प्रमुख स्रोत बाज़ार बना हुआ है। उन्होंने दोनों देशों के बीच प्रत्यक्ष उड़ानों की शुरुआत पर भी चर्चा की। 

यह यात्रा विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि राष्ट्रपति मुइज्जू नवंबर 2023 में ‘इंडिया आउट’ अभियान की पृष्ठभूमि में सत्ता में आए थे। उनके राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद ही भारत से सैन्य कर्मियों को हटाने की मांग की गई थी, जिसे भारत ने शांति से सुलझाते हुए सैन्य कर्मियों की जगह नागरिक विशेषज्ञों को तैनात किया। ये सैन्यकर्मी मालदीव में ह्यूमैनिटेरियन और रेस्क्यू मिशन के लिए तैनात हेलिकॉप्टर और एयरक्राफ्ट का संचालन कर रहे थे।

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