Friday, October 10, 2025
Homeकारोबार'दुकानदारी ही करनी है?' भारत में स्टार्टअप पर पीयूष गोयल ने क्या...

‘दुकानदारी ही करनी है?’ भारत में स्टार्टअप पर पीयूष गोयल ने क्या कहा जिस पर शुरू हुई बहस

नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि सोच को बदलने की जरूरत है। भारत में फूड ऐप, सट्टेबाजी और फैंटेसी स्पोस्ट्स ऐप पर अत्यधिक फोकस का जिक्र करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि दूसरी ओर (चीन में) इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), बैटरी तकनीक, सेमीकंडक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में काफी प्रगति हो रही है। 

स्टार्टअप महाकुंभ में बोलते हुए गुरुवार को गोयल ने सवाल किया कि क्या देश तकनीकी नवाचार के लिए प्रयास करने के बजाय कम वेतन वाली गिग नौकरियों से ही संतुष्ट हो रहा है। उन्होंने पूछा, ‘क्या हम आइसक्रीम बनाना चाहते हैं या चिप्स? क्या हम सिर्फ खुदरा व्यापार के लिए यहां हैं?’

‘भारत तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब लेकिन…’

पीयूष गोयल ने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब है, जिसमें 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न और लगभग 1.57 लाख सरकारी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं। हालाँकि, गोयल ने चिंता जताई कि क्या ये उद्यम वास्तव में प्रगति को गति दे रहे हैं। 

उन्होंने कहा, ‘क्या हम डिलीवरी बॉय और गर्ल्स बनकर संतुष्ट होते जा रहे हैं? क्या यही भारत की नियति है? यह स्टार्टअप संस्कृति नहीं है – यह सिर्फ उद्यमिता है, बिजनेस है।’ 

चीन के डीप-टेक पर अत्यधिक फोकस के साथ तीखी तुलना करते हुए गोयल ने कहा कि असलियत पर गौर करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘आज भारतीय स्टार्टअप क्या कर रहे हैं? हम फूड डिलीवरी ऐप को प्राथमिकता दे रहे हैं, बेरोजगार युवाओं को कम वेतन वाले गिग वर्कर में बदल रहे हैं ताकि अमीर लोग बिना बाहर निकले ही भोजन मंगवा सकें।’

गोयल ने भारत में डीप-टेक स्टार्टअप्स की सीमित संख्या पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि  इस क्षेत्र में 1,000 कंपनियों की संख्या एक ‘परेशान करने वाला’ आंकड़ा है। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘स्टार्टअप्स को देश को भविष्य के लिए तैयार करना चाहिए, न कि केवल अल्पकालिक लाभ के पीछे भागना चाहिए।’ 

गोयल ने बेहद कम रकम में विदेशी कंपनियों को भारत के होनहार युवाओं के स्टार्टअप्स के बिकने को लेकर भी दुख जताया। उन्होंने कहा, ‘यह सुनकर निराशा होती है कि एक युवा स्टार्टअप का एक शानदार विचार एक विदेशी फर्म को 25-50 लाख रुपये में बेच दिया जाता है।’ 

पीयूष गोयल के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की आलोचना करने पर उद्योग जगत से कुछ तीखी प्रतिक्रिया भी सामने आई है। इसमें जेप्टो के सीईओ आदित पलिचा और इंफोसिस के पूर्व कार्यकारी मोहनदास पई शामिल हैं।

पलिचा ने लिखा, ‘उपभोक्ता इंटरनेट स्टार्टअप की आलोचना करना और उनकी तुलना अमेरिका या चीन में तकनीकी प्रगति से करना आसान है। अगर हम प्रमुख तकनीकी क्रांतियों का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो हमें सबसे पहले इंटरनेट क्षेत्र में मजबूत स्थानीय चैंपियन बनाने की जरूरत है जो सैकड़ों मिलियन डॉलर का फ्री कैश फ्लो (FCF) उत्पन्न करते हैं। स्टार्टअप इकोसिस्टम, सरकार और बड़े भारतीय पूंजी धारकों को सक्रिय रूप से इसका समर्थन करना चाहिए, न कि इसे हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने वालों को पीछे हटाना चाहिए।’

इसी तरह की चिंताओं का जिक्र करते हुए मोहनदास पई ने भारतीय स्टार्टअप को ‘कमतर आंकने’ को लेकर निराशा जताते हुए डीप-टेक इनोवेशन को बढ़ावा देने में सरकार की भूमिका पर सवाल उठाया।

पई ने ट्वीट किया, ‘ये अनुचित तुलनाएं हैं। हमारे स्टार्टअप की आलोचना करने के बजाय, पीयूष गोयल को खुद से पूछना चाहिए कि भारत में डीप-टेक स्टार्टअप को बढ़ने में मदद करने के लिए उन्होंने मंत्री के रूप में क्या किया है? उंगली उठाना आसान है।’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए पई ने यह भी आरोप लगाया कि स्टार्टअप को लंबे समय से एंजल टैक्स और निवेश प्रतिबंधों सहित नियामक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा