नई दिल्लीः अपहरण और हत्या से जुड़े एक मामले में पूर्व रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व अधिकारी विकास यादव के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। विकास यादव अदालत द्वारा बार-बार बुलाने के बावजूद पेश नहीं हो रहे थे। अदालत ने विकास के जमानतदार को भी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 491 (जमानत जब्त होने की प्रक्रिया) के तहत नोटिस जारी किया है।
पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ प्रताप सिंह लालेर दिल्ली के कारोबारी राज कुमार वालिया की शिकायत पर दायर मामले की सुनवाई कर रहे थे। विकास यादव को मामले में सोमवार को पेश होना था लेकिन वह पेश नहीं हुए। जिसके बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया।
कोर्ट के आदेश के मुताबिक विकास यादव सुबह से ही गैर हाजिर थे। इसके बाद न्यायाधीश के विकास यादव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया। इसके साथ ही उनके जमानतदार को भी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 491 (जमानत जब्त होने की प्रक्रिया) के तहत 17 अक्टूबर के लिए नोटिस जारी किया।
विकास यादव पर क्या है आरोप?
कारोबारी राज कुमार वालिया ने पूर्व रॉ अधिकारी विकास यादव और उनके कथित सहयोगी अब्दुल्ला खान पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर उनका अपहरण करने और फिरौती के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस का स्पेशल सेल कर रही है।
विकास यादव ने इससे पहले अपनी जान को खतरा बताते हुए अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट के लिए आवेदन दायर किए थे, जिन्हें स्वीकार कर लिया गया था। इस बार पेशी से छूट को लिए कोई नया आवेदन दायर नहीं किया जिसके बाद अदालत को सख्त कदम उठाना पड़ा। अब्दुल्ला, विकास यादव और मुख्य आरोपी जलालुद्दीन उर्फ समीर इस मामले में जमानत पर बाहर हैं।
इसी मामले में सह-आरोपी अब्दुल्ला खान के पासपोर्ट को वापस जारी करने की अवधि बढ़ा दी गई है। खान के पिता की तबीयत ठीक नहीं है। अदालत ने अपने आदेश में कहा, पहले भी आवेदक/आरोपी को विदेश यात्रा की अनुमति दी गई है और उसने दी गई स्वतंत्रता का कभी दुरुपयोग नहीं किया है। दिए गए तर्कों को देखते हुए, पासपोर्ट की रिहाई 17 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है।” गौरतलब है की विकास यादव, अब्दुल्ला और मुख्य आरोपी जलालुद्दीन उर्फ समीर इस मामले में जमानत पर हैं।
वहीं, द प्रिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, मामले में पुलिस की जांच में एक नए संदिग्ध बिक्रम गोगोई का भी नाम आया है। बिक्रम गुवाहाटी का रहने वाला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के स्पेशल सेल द्वारा चार नोटिस दिए जाने के बाद गोगोई ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था। आवेदन में उसने कहा था कि जलालुद्दीन का परिचय अब्दुल्ला से कराया था।
विकास यादव का नाम खालिस्तानी चरमपंथी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश में भी सामने आया था, जिसकी जाँच अमेरिकी एजेंसी एफबीआई कर रही है। अमेरिकी न्याय विभाग ने 2023 में विकास यादव को खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश में शामिल होने के लिए सूचीबद्ध किया था। इसके बाद दिल्ली की स्पेशल सेल ने उन्हें गिरफ्तार किया था।