नई दिल्ली: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच फिर ताजा झड़पें होने की खबर है। ताजा संघर्ष की खबरें बुधवार तड़के खैबर पख्तूनख्वा के एक सुदूर उत्तर-पश्चिमी इलाके से सामने आई हैं। पाकिस्तान के सरकारी मीडिया ने अफगान सैनिकों पर ‘बिना वजह और उकसावे के लिए गोलीबारी’ का आरोप लगाया। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पाक सेना ने इस गोलीबारी का जवाब दिया। पाकिस्तान टीवी और एसोसिएटेड प्रेस से बात करने वाले दो सुरक्षा अधिकारियों ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की और कथित तौर पर अफगान टैंकों और सैन्य चौकियों को नुकसान पहुँचाया है।
दूसरी ओर कुछ अफगानिस्तान समर्थित सोशल हैंडल में दावा किया गया है कि अफगान सुरक्षा बलों ने 7 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है।
पाकिस्तान के सरकारी टेलीविजन प्रसारक पीटीवी न्यूज ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से बताया, ‘अफगान तालिबान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने कुर्रम में बिना उकसावे के गोलीबारी शुरू कर दी। पाकिस्तानी सेना ने पूरी ताकत और तीव्रता से जवाब दिया।’
वहीं, ‘द डॉन’ के अनुसार तालिबान की चौकियों को भारी नुकसान पहुँचा और एक टैंक में आग लग गई, जिससे तालिबान लड़ाके अपनी चौकियाँ छोड़कर भाग गए। बाद में एक रिपोर्ट में कहा गया, ‘कुर्रम सेक्टर में अफगान तालिबान की एक और चौकी और टैंक तबाह हो गए।’
अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में पुलिस उप प्रवक्ता ताहिर अहरार ने झड़पों की पुष्टि की है, लेकिन कोई और जानकारी नहीं दी। इस हफ्ते यह दूसरी बार है जब दोनों पक्षों की ओर से सीमा पर गोलीबारी की गई है।
पाकिस्तान के सरकारी मीडिया ने बताया कि अफगान सेना और पाकिस्तानी तालिबान ने मिलकर ‘बिना उकसावे’ के एक पाकिस्तानी चौकी पर गोलीबारी की। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने पाकिस्तानी तालिबान के एक बड़े ट्रेनिंग केंद्र को नष्ट कर दिया। पाकिस्तानी सेना की ओर से आधिकारिक तौर पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान में तनाव
पाकिस्तानी सेना शनिवार से ही हाई अलर्ट पर है, जब दोनों पक्षों के बीच कई सीमावर्ती क्षेत्रों में गोलीबारी हुई थी। उस घटना में दोनों पक्षों के दर्जनों लोग हताहत हुए थे।
हालाँकि सऊदी अरब और कतर की अपील के बाद रविवार को झड़पें रुक गई थी, लेकिन पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सभी सीमाएँ बंद हैं। पिछले सप्ताह के आखिर में काबुल ने कहा था कि उसने कई पाकिस्तानी सैन्य चौकियों को निशाना बनाया, जिसमें 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। उसने कहा कि यह कार्रवाई उसने अफगानिस्तान की सीमा और हवाई क्षेत्र के बार-बार उल्लंघन का बदला लेने के लिए की।
वहीं, पाकिस्तानी सेना ने कम आँकड़े बताते हुए कहा कि सीमा पर जवाबी कार्रवाई में उसके 23 सैनिक मारे गए और 200 से ज्यादा ‘तालिबान और उससे जुड़े आतंकवादी’ मारे गए। यह तनाव पिछले हफ्ते से बना हुआ है, जब तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर काबुल और एक पूर्वी बाजार में हवाई हमले करने का आरोप लगाया था।
पाकिस्तान ने इन आरोपों को स्वीकार नहीं किया है। पाकिस्तान ने पहले भी अफगानिस्तान के अंदर हमले किए हैं और कहता रहा है कि वे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों को निशाना बना रहे हैं। पाकिस्तान काबुल पर इस गुट को पनाह देने का आरोप लगाता है, जिसने पाकिस्तान के अंदर कई घातक हमले किए हैं। तालिबान इस आरोप से इनकार करता है और कहता है कि वह अपने क्षेत्र का इस्तेमाल दूसरे देशों के ख़िलाफ़ नहीं होने देगा।
क्या है तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान
इस गुट की लड़ाई मुख्य रूप से आज पाकिस्तानी सेना और सरकार के खिलाफ है। साल 2007 में यह गुट बना। दरअसल 2001 में अमेरिका के अफगानिस्तान पर हमले के बाद कई लड़ाके पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में छिप गए। यही पर इन विद्रोही गुटों को एक कर बेतुल्लाह मेहसूद ने टीटीपी बनाया। साल 2007 में बेनजीर भुट्टो की हत्या का आरोप भी टीटीपी पर लगा था, लेकिन उसने इनकार किया। हालांकि, बाद में कई धमाकों और आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में टीटीपी का नाम सामने आता रहा है।
टीटीपी के लड़ाके मानते हैं कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमले के दौरान पाकिस्तान का साथ देकर सही नहीं किया और ये इस्लाम के खिलाफ था। इसे लेकर ही टीटीपी का पाकिस्तान से संघर्ष बना हुआ है।
इसके अलावा अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच डूरंड लाइन को लेकर भी लंबे समय से विवाद रहा है। हाल के वर्षों में तालिबान की वापसी के बाद यह तनाव और बढ़ गया है।