Homeविश्वपाकिस्तानः बारिश ने मचाई तबाही, अब तक 221 की मौत

पाकिस्तानः बारिश ने मचाई तबाही, अब तक 221 की मौत

इस्लामाबादः पाकिस्तान में जून के अंत से भारी मानसूनी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और बारिश से हुई अन्य घटनाओं में कम से कम 221 लोगों की मौत और 592 अन्य घायल हुए हैं। यह जानकारी पाकिस्तान के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दी है। 

सोमवार को अपनी ताजा स्थिति रिपोर्ट में, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने कहा कि हताहतों की संख्या 26 जून से 21 जुलाई के बीच दर्ज की गई, जिसमें पिछले 24 घंटों में पांच नई मौतें और 10 घायल होने की सूचना है।

पंजाब प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित

पूर्वी पंजाब प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जहां 135 लोगों की मौत हुई और 470 घायल हुए। उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में 46 लोगों की जान चली गई और 69 अन्य घायल हुए।

दक्षिणी सिंध प्रांत में 22 लोगों की मौत और 40 घायल होने की सूचना है, जबकि दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में 16 लोगों की मौत और चार घायल होने की सूचना है।

एनडीएमए ने पुष्टि की है कि इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र में एक बच्चा घायल हुआ है।

अधिकारियों ने जारी की चेतावनी

अधिकारियों ने बाढ़ की चेतावनी जारी की है। वे लगातार हो रही बारिश के बीच राहत अभियान चलाने और संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी के लिए प्रांतीय सरकारों के साथ समन्वय कर रहे हैं।

क्योंकि पाकिस्तान में लगातार मानसून का प्रकोप जारी है, इसलिए अधिकारियों ने कई अलर्ट जारी किए हैं। इनमें मध्यम से भारी बारिश, नदियों का जलस्तर बढ़ने और संवेदनशील क्षेत्रों में संभावित बाढ़ की चेतावनी दी गई है।

पाकिस्तान के एनडीएमए और पंजाब के प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) ने निवासियों से सतर्क रहने और निचले व जलमग्न इलाकों से दूर रहने का आग्रह किया है।

बता दें कि अरब सागर से आ रही नमी से तीव्र मानसूनी गतिविधि पूरे पंजाब में सक्रिय बनी हुई है, जहां लाहौर में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने आर्द्रता के स्तर को बढ़ा दिया है।

(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version