इस्लामाबादः पाकिस्तान के अशांत क्षेत्र बलूचिस्तान में प्रतिबंधित समूह बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की एक आत्मघाती महिला हमलावार ने अर्धसैनिक बल के मुख्यालय के प्रवेश द्वार पर खुद को उड़ा लिया। इसमें कथित तौर पर छह पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। हालांकि पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा इस पर कोई टिप्पणी नहीं आई है।
अधिकारियों के मुताबिक, हमलावर ने रविवार रात चगाई जिले के नोकुंडी कस्बे में फ्रंटियर कॉर्प्स (एफसी) मुख्यालय के मुख्य द्वार पर खुद को उड़ा लिया। बाद में बीएलए ने हमलावर की पहचान जिनाता रफीक के रूप में की और उसकी तस्वीर जारी की।
मारे गए छह आतंकी
इस विस्फोट के बाद छह आतंकवादियों ने मुख्यालय में घुसने की कोशिश की। लंबी गोलीबारी के बाद प्रवेश द्वार के पास तीन आतंकवादियों को गोली मार दी गई जबकि बाकी तीन एफसी कर्मियों द्वारा घेर लिए जाने से पहले परिसर में घुसने में कामयाब रहे। न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि तीनों भी मारे गए हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, यह हमला रविवार शाम को हुआ। निवासियों ने बताया कि सोमवार शाम तक मुख्यालय के अंदर से रुक-रुक कर गोलियों और विस्फोटों की आवाजें आती रहीं।
यह घटना कम से कम तीसरी बार है जब बलूचिस्तान में सबसे सक्रिय और हथियारों से लैस विद्रोही समूह माने जाने वाले बीएलए ने किसी महिला आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल किया है।
इस बीच बीएलए ने एक बयान जारी कर कहा कि 28-29 नवंबर को कई जगहों पर समन्वित हमले किए गए। बयान में दावा किया गया कि 29 हमलों में 27 आतंकवादी मारे गए हैं। बीएलए ने यह भी कहा कि उसने राजमार्गों पर नियंत्रण कर लिया है और हथियार जब्त कर लिए हैं।
पहले भी आत्मघाती महिलाओं ने किया विस्फोट
अप्रैल 2022 में दो बच्चों की मां शारी बलूच ने कराची विश्वविद्यालय के कन्फ्यूशियस संस्थान में चीनी शिक्षकों को निशाना बनाकर एक आत्मघाती बम विस्फोट किया जिसमें तीन चीनी नागरिकों सहित चार लोग मारे गए।
जून 2023 में एक अन्य महिला हमलावर सुमैया कलंदरानी बलूच ने बलूचिस्तान के तुर्बत इलाके में एक पाकिस्तानी सैन्य काफिले को निशाना बनाया।
अक्टूबर 2024 में कराची हवाई अड्डे के पास दो चीनी इंजीनियरों की हत्या की जांच में पाया गया कि एक महिला बीएलए कार्यकर्ता ने हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में प्रमुख भूमिका निभाई थी।

