Homeभारतवैशाखी के लिए पाकिस्तान ने भारतीय सिखों को जारी किए रिकॉर्ड 6,500...

वैशाखी के लिए पाकिस्तान ने भारतीय सिखों को जारी किए रिकॉर्ड 6,500 वीजा

नई दिल्लीः पाकिस्तान ने भारतीय सिखों को 6,500 से अधिक वीजा जारी किए हैं। पाकिस्तान ने वैशाखी में शामिल होने के लिए ये वीजा जारी किए हैं। त्योहार को देखते हुए पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और पाकिस्तान सरकार ने अपनी रसद व्यवस्थाओं में सुधार किया है। 

यह भक्तों की बड़ी संख्या को समायोजित करने के लिए सुचारू सुविधा सुनिश्चित करने के लिए है। प्राधिकरणों ने इसके लिए दो अलग कार्यक्रम तैयार किए हैं जिससे दोनों समूह मुख्य वैशाखी को ननकाना साहिब में मना सकें। वैशाखी 14 अप्रैल को मनाई जाएगी। 

पिछले साल 2,250 लोगों को जारी किए गए थे वीजा

बीते साल 2024 में पाकिस्तानी उच्चायोग ने 2,250 लोगों को वीजा जारी किए थे। इससे पहले के सालों में भी यह संख्या 2,500 से 3,000 के बीच रही। हालांकि, इस साल यह संख्या बढ़ाई गई है।

पाकिस्तान उच्चायोग के प्रमुख साद अहमद वरीच ने इस संबंध में कहा “पाकिस्तान सरकार द्वारा ज्यादा संख्या में जारी किए गए वीजा सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देने और लोगों के बीच संस्कृति और धर्म की समझ बढ़ाने की हमारी नीति का प्रकटीकरण है।”

वहीं, पाकिस्तान के पहले सिख मंत्री रमेश सिंह अरोरा ने कहा कि वैशाखी त्योहार को लेकर मंगलवार को बैठक हुई थी। इसमें त्योहार की व्यवस्थाओं को लेकर विभिन्न विभागों से समीक्षा मांगी गई।

10-19 अप्रैल के बीच मनाया जाएगा त्योहार

उन्होंने आगे कहा कि वैशाखी मेला 10 से 19 अप्रैल के बीच मनाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने इस त्योहार में 20,000 स्थानीय लोगों के भाग लेने की आशा व्यक्त की। इसके साथ ही भारत समेत दुनियाभर से करीब 7,000 लोगों के आने की संभावना जताई। उन्होंने बताया कि धार्मिक आयोजन 16 अप्रैल को करतार साहिब में आयोजित कराए जाएंगे और इसके बाद कबड्डी मैच होगा। 

भक्तों की भारी संख्या को देखते हुए अधिकारियों ने भक्तों को दो समूहों में बांटने की व्यवस्था की है। नई योजना के तहत पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और इवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड दो समूहों में भारतीय भक्तों का स्वागत करेंगे। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version