पेशावर: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सोमवार तड़के हुई वायुसेना की कार्रवाई में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना सोमवार तड़के करीब 2 बजे मातरे दारा गाँव में हुई, जो एक पश्तून बहुल इलाका है। यहां पाकिस्तान वायुसेना ने जेएफ-17 लड़ाकू विमानों से एलएस-6 के 8 विनाशकारी बम गिराए। इन धमाकों से गांव का बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया।
इस हमले में कई अन्य लोगों के भी घायल होने की खबर है। हालांकि, घायलों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। सोशल मीडिया पर इन धमाकों के बाद की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। घटनास्थल से आई तस्वीरों और वीडियो में बच्चों सहित कई शव बिखरे पड़े दिखे। बचाव दल मलबे के नीचे दबे शवों को निकालने में जुटे हैं, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, वायु सेना इस क्षेत्र में छिपे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों को निशाना बना रही थी, लेकिन मारे गए सभी लोग आम नागरिक थे। खैबर पख्तूनख्वा में पिछले कुछ दिनों से आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बढ़ गई है, क्योंकि इस पर्वतीय प्रांत में अफगानिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में आतंकवादी अपना ठिकाना बना रहे हैं।
हाल ही में, पाकिस्तान सेना ने डेरा इस्माइल खान जिले में एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन में सात TTP आतंकवादियों को मारने की घोषणा की थी। इनमें से तीन अफगान नागरिक थे और दो आत्मघाती हमलावर थे।
खैबर पख्तूनख्वा में बढ़ता आतंकवाद
हाल के दिनों में पाकिस्तान, खासकर अफगानिस्तान से सटे प्रांतों में आतंकवादी घटनाओं में तेजी आई है। इस साल जनवरी से अगस्त के बीच खैबर पख्तूनख्वा में 605 आतंकवादी घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 138 नागरिक और 79 पाकिस्तानी पुलिस कर्मी मारे गए।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी इस क्षेत्र में नागरिक जीवन की उपेक्षा पर चिंता जताई है। संगठन ने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा में ड्रोन हमलों की बढ़ती संख्या नागरिक जीवन के लिए एक बड़ा खतरा है।
बताया जा रहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ प्रमुख आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया गया था, जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) और हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) जैसे आतंकवादी संगठन खैबर पख्तूनख्वा में अफगानिस्तान सीमा के पास नए ठिकाने बना रहे हैं। यह पर्वतीय क्षेत्र और सीमावर्ती इलाका उन्हें छिपने के लिए प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करता है।