अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच सीमा पर हुई ताजा झड़प में कई लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए हैं। यह हिंसक मुठभेड़ मंगलवार रात दक्षिण-पूर्वी अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डक जिले और पाकिस्तान के चमन क्षेत्र में हुई। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर संघर्ष शुरू करने का आरोप लगाया है।
अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक्स पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना ने अफगान सीमा पर “हल्के और भारी हथियारों” से हमला किया, जिसमें 12 नागरिक मारे गए और 100 से अधिक घायल हुए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना की ओर से गोलीबारी शुरू की गई थी, जिसके बाद अफगान बलों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। जिले के एक अस्पताल ने एएफपी को बताया कि 80 से अधिक महिलाएं और बच्चे घायल हुए हैं।
तालिबान ने दावा किया कि उनके लड़ाकों ने जवाबी गोलीबारी में “बड़ी संख्या में” पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया और पाकिस्तान के हथियार और टैंक जब्त कर लिए। वायरल वीडियो में तालिबान लड़ाके जब्त किए गए पाकिस्तानी टी-55 टैंक पर सवार दिख रहे हैं।
दूसरी ओर, पाकिस्तानी सेना ने तालिबान पर दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में दो सीमा चौकियों पर हमला करने का आरोप लगाया। पाकिस्तान ने दावा किया कि दोनों हमलों को विफल कर दिया गया, जिसमें लगभग 30 लड़ाके मारे गए। पाकिस्तान ने स्पिन बोल्डक के पास 20 और लड़ाकों को मारने का दावा किया। हालांकि, कुछ वायरल वीडियो में पाकिस्तान वायु सेना के जेट विमानों को कंधार में हवाई हमले करते हुए भी दिखाया गया।
पाकिस्तान ने दावा किया कि चमन जिले में तालिबान के हमले में चार नागरिक घायल हुए। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ओरकज़ई के सीमावर्ती जिले में छह पाकिस्तानी अर्धसैनिक सैनिक मारे गए। इन झड़पों के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
यह संघर्ष तब शुरू हुआ जब पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने काबुल के पास तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों को निशाना बनाते हुए हवाई हमले किए। पाकिस्तान लंबे समय से तालिबान पर टीटीपी आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाता रहा है, जिन्होंने 2021 के बाद से सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या की है।
इसके जवाब में, तालिबान ने डूरंड लाइन पार कर पाकिस्तान के कई सुरक्षा ठिकानों पर हमला किया, जिसमें रिपोर्ट के मुताबिक 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे और 20 चौकियां तबाह हो गई थीं।
हालात तब और बिगड़ गए जब अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री, आईएसआई प्रमुख और दो सैन्य अधिकारियों को वीजा देने से इनकार कर दिया, जिससे प्रस्तावित वार्ता रद्द हो गई। इसके बाद इस्लामाबाद ने काबुल के साथ सभी उच्च-स्तरीय संपर्क निलंबित कर दिए।
कतर और सऊदी अरब को पाक ने किया फोन
दोनों देशों के बीच फिलहाल युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है। संघर्ष में कमी आने का कोई संकेत नहीं मिलने और पाकिस्तान के मंत्रियों को बातचीत के लिए अफगानिस्तान द्वारा प्रवेश से मना करने के बाद, इस्लामाबाद ने कतर और सऊदी अरब को मध्यस्थ के रूप में कार्य करने के लिए संपर्क किया है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने इन देशों से कहा, “भगवान के लिए, अफगानों को लड़ने से रोकें।”