नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने रविवार, 12 अक्टूबर को ऑपरेशन ब्लू स्टार को लेकर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार एक “गलती” थी। उन्होंने आगे कहा कि इसकी कीमत तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी थी।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए चिदंबरम ने कहा कि यहां पर किसी सैन्य अधिकारी का अपमान नहीं कर रहा हूं लेकिन वह (ब्लू स्टार) स्वर्ण मंदिर को पुनः प्राप्त करने का गलत तरीका था।
पी. चिंदबरम ने क्या कहा?
चिदंबरम ने कहा “कुछ वर्षों बाद हमने सेना को बाहर रखकर स्वर्ण मंदिर को पुनः प्राप्त करने का सही तरीका प्रदर्शित किया। ब्लू स्टार गलत तरीका था और इसकी कीमत श्रीमती इंदिरा गांधी ने जान देकर चुकाई।”
ऑपरेशन ब्लू स्टार का आदेश इंदिरा गांधी ने जून 1984 में दिया था। इसका उद्देश्य अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर से जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व वाले आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए शुरू किया गया था।
ऑपरेशन में भारी जनहानि हुई और इसके चलते व्यापक तनाव फैला खासकर सिख समुदाय में। कुछ ही महीनों के बाद, बदले की कार्रवाई में इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों ने उनकी हत्या कर दी। इसके बाद पूरे देश में भयानक सिख विरोधी दंगे फैल गए।
बेअंत सिंह और सतवंद सिंह इंदिरा गांधी के अंगरक्षक थे जिन्होंने उनकी हत्या कर दी।
सिर्फ इंदिरा गांधी को नहीं दिया जा सकता दोष
पूर्व मंत्री चिदंबरम की इस टिप्पणी ने भारत के सबसे राजनैतिक और भावनात्मक रूप से आवेशित सैन्य अभियानों में से एक पर आलोचनात्मक प्रकाश डाला। हालांकि चिदंबरम ने इस दौरान यह तर्क भी दिया कि इसका दोष केवल दिवंगत प्रधानमंत्री पर नहीं मढ़ा जा सकता।
उन्होंने आगे कहा “लेकिन वह गलती सेना, पुलिस, खुफिया विभाग और सिविल सेवा का सम्मिलित निर्णय था। आप इसके लिए केवल श्रीमती गांधी को दोष नहीं दे सकते। क्या आप ऐसा करेंगे?”
चिदंबरम ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब वह लेखिका हरविंदर बावेजा के साथ ‘दे विल शूट यू, मैडम: माई लाइफ थ्रू कॉन्फ्लिक्ट’ पर चर्चा के दौरान लोगों को संबोधित करते वक्त की।
कांग्रेस पार्टी को सैन्य अभियान और इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों दोनों को लेकर लंबे समय से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि पार्टी ने पहले भी खेद व्यक्त किया है लेकिन यह किसी वरिष्ठ कांग्रेस नेता द्वारा की गई गलतियों की सबसे प्रत्यक्ष स्वीकारोक्ति है।
पी. चिदंबरम ने इससे पहले हाल ही में 26/11 हमलों को लेकर बयान दिया था। जिसकी खूब चर्चा हुई, कांग्रेस नेताओं ने उनके बयान की निंदा की थी तो वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर सवाल उठाए थे।
उन्होंने अपने बयान में कहा था कि भारत ने अमेरिका के दबाव में इस हमले का जवाब नहीं दिया था। चिदंबरम के इस बयान के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्व गृह मंत्री ने कबूल किया है कि सेनाएं हमला करने को तैयार थीं लेकिन ‘विदेशी दबाव’ के कारण ऐसा नहीं हुआ।
नरेंद्र मोदी ने पूछा कि कांग्रेस यह बताए कि विदेशी शक्ति के दबाव में किसने यह फैसला किया था?