Friday, October 10, 2025
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Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार ने सुबह 11 बजे बुलाई सर्वदलीय बैठक, राजनाथ सिंह करेंगे अध्यक्षता

भारतीय सशस्त्र बलों ने मगंलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। इस ऑपरेशन में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे गर्व का पल बताया। 

ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार ने 8 मई 2025 को सुबह 11 बजे एक महत्वपूर्ण सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे, जिसमें भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई पर चर्चा होगी। यह बैठक पाकिस्तान और पीओक में स्थित आतंकी ठिकानों पर भारतीय सैन्य कार्रवाई के बाद बुलाई गई है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), शिवसेना, आम आदमी पार्टी (आप) और अन्य क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।

बैठक में क्या होगा चर्चा का विषय?

इस सर्वदलीय बैठक में भारत की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की जाएगी, विशेष रूप से नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बने हालातों पर। इसके अलावा, ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत जानकारी दी जाएगी, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमलों की सफलता और रणनीति का विश्लेषण किया जाएगा। बैठक में भारत की कूटनीतिक प्रतिक्रिया पर भी चर्चा होगी, जिसमें संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ की गई बातचीत और उन्हें दी गई जानकारी शामिल होगी।

सरकार सीमावर्ती इलाकों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा देशभर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए घरेलू सुरक्षा उपायों को भी साझा करेगी। साथ ही, आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति पर एकजुट और स्पष्ट राष्ट्रीय संदेश देने के लिए रणनीतिक संवाद पर जोर दिया जाएगा।

राजनाथ सिंह का एकता पर जोर

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बैठक के दौरान सभी विपक्षी दलों से आग्रह करेंगे कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर एकजुट रहें और एक स्वर में बात करें। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सरकार का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर विषयों पर भारत को एकजुट रहना चाहिए और राजनीतिक मतभेद, देश की सुरक्षा के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता को कमजोर नहीं कर सकते। सिंह यह भी स्पष्ट करेंगे कि ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई अत्यंत सावधानीपूर्वक योजना के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य केवल आतंकवादी ढांचों को नष्ट करना था, न कि नागरिकों को हानि पहुँचाना।

पहलगाम हमले के जवाब में सेना ने की कार्रवाई

ऑपरेशन सिंदूर, भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 7 मई 2025 को शुरू किया गया, दरअसल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की मृत्यु हुई थी। इस ऑपरेशन के तहत मुरिदके (लश्कर-ए-तैयबा प्रशिक्षण अड्डा), बहावलपुर (जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय), सियालकोट (सीमा पार लॉन्च पैड), शवाई नाला कैंप और सैयदना बिलाल कैंप, मुज़फ्फराबाद, गुलपुर कैंप (कोटली), बरनाला कैंप (भीमबर) और कोटली कैंप (LoC से 13 किमी दूर) को निशाना बनाया गया।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रधानमंत्री मोदी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रात भर मॉनिटरिंग कर रहे थे। सूत्रों ने पुष्टि की कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सैन्य कमांडरों के साथ लगातार संपर्क में थे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अभियान योजना के अनुसार आगे बढ़े।

वहीं, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय ने संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग की, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री, वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी शामिल हुईं। सैन्य अधिकारियों ने आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले की क्लिप भी दिखाई। भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यह हमला एक संयमित और आवश्यक प्रतिक्रिया थी, जिसका उद्देश्य भारत पर होने वाले भविष्य के आतंकी हमलों को रोकना था।

राजनीतिक दलों ने क्या कहा?

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाओं की बात करें तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सशस्त्र बलों का समर्थन करते हुए संयम और ज़िम्मेदारी की आवश्यकता पर बल दिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीमावर्ती नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कार्रवाई का समर्थन करते हुए क्षेत्र में स्थिरता और शांति की आवश्यकता जताई है।

भारत ने अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और अन्य सहयोगी देशों को यह स्पष्ट किया है कि यह आतंकवाद के खिलाफ रक्षात्मक कार्रवाई थी। सरकार इस कूटनीतिक संवाद को और भी आगे बढ़ाना चाहती है ताकि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने की वैश्विक स्तर पर निंदा हो सके।

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