नई दिल्लीः राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोगों में कम से कम एक व्यक्ति की प्रति घंटे आत्महत्या से मृत्यु हो जाती है। यह कृषि क्षेत्र में काम करने वालों के सामने आने वाले आर्थिक तनाव को उजागर करता है।
इनमें से अधिकतर मामले महाराष्ट्र से हैं। यहां पर देश के कुल किसानों की आत्महत्या का करीब 38.5 प्रतिशत है। महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश क्रमशः दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर हैं। कर्नाटक में 22.5 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 8.6 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में 7.2 प्रतिशत किसानों ने आत्महत्या की। इसके बाद तमिलनाडु (5.9 प्रतिशत) पांचवे स्थान पर है।
कृषि क्षेत्र में रही है समृद्ध विरासत
ये सभी क्षेत्र कभी समृद्ध कृषि विरासत पर आधारित थे, हालांकि अब ये निराशा और कठिनाई से जुड़े हुए हैं।
NCRB की इस रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि, साल 2022 का तुलना में आत्महत्या की संख्या में कमी आई है लेकिन इसकी तीव्रता और क्षेत्र वही रहा।
साल 2023 में कृषि क्षेत्र में काम करने वाले कुल 10,786 किसानों की आत्महत्या करने से मौत हुई। यह देश में कुल आत्महत्या का 6.3 प्रतिशत है। इस वर्ष कुल 1,71,418 लोगों ने आत्महत्या की।
डेटा दर्शाता है कि आत्महत्या करने वाले में 43 फीसदी किसान हैं जबकि अन्य लोग खेती का काम करने वाले मजदूर हैं। 4,690 किसानों ने आत्महत्या की और 6,096 कृषि क्षेत्र से जुड़े मजदूरों ने आत्महत्या की। आत्महत्या करने वाले किसानों में 4,553 पुरुष थे जबकि 137 महिलाएं थीं।
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इस रिपोर्ट में कुछ प्रमुख राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में एक भी किसान की आत्महत्या का मामला नहीं आया है। इनमें पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, चंडीगढ़, दिल्ली और लक्षद्वीप शामिल हैं।
NCRB रिपोर्ट क्या कहती है?
साल 2022 में उत्तराखंड में आत्महत्या का कोई मामला नहीं दर्ज किया गया, हालांकि 2023 में कई मामले सामने आए। हालांकि, इस साल (2023) में झारखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश में कोई मामला सामने नहीं आया जबकि 2022 में यहां आत्महत्या के कई मामले सामने आए थे।
साल 2022 में कृषि क्षेत्र में आत्महत्या की संख्या 2023 की तुलना में ज्यादा थी। इस साल कृषि क्षेत्र से जुड़े 11,290 लोगों ने आत्महत्या की थी। इसमें 5,207 किसान थे जबिक 6,083 कृषि क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर थे। आत्महत्या करने वाले 5,207 किसानों में 4,999 पुरुष थे जबकि 208 महिलाएं थीं। इसी तरह कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों में आत्महत्या करने वालों में 5,427 पुरुष और 611 महिलाएं थीं।
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में कुल 1,71,418 लोगों ने आत्महत्या की जो कि 2022 की तुलना में 0.3 फीसदी अधिक है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां करीब 58 फीसदी आबादी आजीविका के मुख्य साधन के रूप में कृषि पर निर्भर है। ऐसे में ये आंकड़े कृषि क्षेत्र की कठिनाइयों और राज्यों तथा सरकारों की किसानों के प्रति उदासीनता को भी दर्शाते हैं।