ओडिशा सरकार ने 5 अक्टूबर, रविवार को कटक शहर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुई हिंसक झड़प के बाद अगले 24 घंटे तक इंटरनेट बंद किया है। ओडिशा के गृह विभाग द्वारा इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई है। जारी अधिसूचना में कहा गया कि यह निर्णय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भड़काऊ और भड़काऊ संदेशों के प्रसार को रोकने के लिए किया गया है। इस बीच विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने सोमवार को कटक में बंद का आह्वान किया है।
इसमें कहा गया कि ये शांति व्यवस्था को बाधित कर सकते हैं। यह प्रतिबंध मोबाइल इंटरनेट, ब्रॉडबैंड और व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और फेसबुक के अलावा स्नैपचैट पर लागू रहेगा। इसके साथ ही अन्य ऑनलाइन मैसेजिंग सेवाओं पर भी लागू होगा। यह बंद रविवार शाम 7 बजे से लेकर सोमवार शाम 7 बजे तक रहेगा।
कटक में हुई हिंसा के बाद सरकार ने किया इंटरनेट बंद
इस अधिसूचना पर गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्यब्रत साहू ने हस्ताक्षर किया। इसमें भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1985 की धारा 5 (2) और दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (लोक आपातकाल या लोक सुरक्षा) नियम 2017 के नियम 2 (1) के तहत जारी किया गया है। ये प्रतिबंध कटक नगर निगम क्षेत्र, कटक विकास प्राधिकरण क्षेत्र और 42 मौजा क्षेत्रों पर लागू हैं। इन इलाकों में झड़पों के बाद तनाव बढ़ गया था।
सरकार का यह कदम बीते शनिवार की रात को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प के एक दिन बाद आया है। पुलिस के मुताबिक, झड़प रात डेढ़ से दो बजे के करीब हाथी पोखरी में हुई, जब स्थानीय नागरिकों ने जुलूस के दौरान बजाए जाने वाले तेज म्यूजिक को लेकर कथित तौर पर विरोध किया।
यह विवाद तेजी से बढ़ा और कथित तौर पर छतों से भीड़ पर पत्थर और कांच की बोतलें फेंकी गईं। कटक के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) खिलाड़ी ऋषिकेश ज्ञानदेव सहित कम से कम आधा दर्जन लोग घायल हो गए। इस दौरान हुई अफरा-तफरी में कई वाहन और सड़क किनारे लगे स्टॉल भी क्षतिग्रस्त हो गए।
पुलिस ने इस मामले में हिंसा के संबंध में छह लोगों को गिरफ्तार किया है और सीसीटीवी फुटेज, ड्रोन विजुअल खंगाल रही है। इसके साथ ही चश्मदीदों के बयानों की भी जांच कर रही है।
पुलिस ने क्या कहा?
हिंदुस्तान टाइम्स ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से लिखा कि जिम्मेदारों को पकड़ने के लिए कई टीमों का गठन किया गया है। और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
5 अक्टूबर, रविवार दोपहर को पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच कटक के दरगाह बाजार में झड़प हो गई जब प्रदर्शनकारी पुलिस के सामने आ गए। इस दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसमें डीसीपी और दरगाह बाजार पुलिस स्टेशन के थाना इंचार्ज के साथ कुछ मीडियाकर्मी भी शामिल थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया।
इस बीच विश्व हिंदू परिषद ने सोमवार, 6 अक्टूबर को कटक में 12 घंटे बंद का आह्वान किया है। वीएचपी के एक प्रवक्ता ने स्थानीय पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद पुलिस उपद्रवियों पर काबू पाने में नाकाम रही। उन्होंने कहा कि हम लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं।
वीएचपी द्वारा बंद के आह्वान के चलते शहर में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए यहां दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा भी लागू कर दी गई थी।
मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने हिंसा की निंदा की है और पुलिस से इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। माझी ने एक बयान में कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी।