Friday, October 10, 2025
Homeभारतओडिशा: आपातकाल में जेल गए लोगों को ₹20,000 मासिक पेंशन और मुफ्त...

ओडिशा: आपातकाल में जेल गए लोगों को ₹20,000 मासिक पेंशन और मुफ्त इलाज की घोषणा

भुवनेश्वरः ओडिशा सरकार ने आपातकाल के दौरान राज्य की जेलों में हिरासत में लिए गए लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इन लोगों को अब 20,000 रुपये की मासिक पेंशन और मुफ्त चिकित्सा उपचार की सुविधा दी जाएगी। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इसे “स्वतंत्र भारत का सबसे काला अध्याय” बताते हुए कहा कि इस निर्णय से उन लोगों के योगदान को सम्मान मिलेगा, जिन्होंने इस दौर में लोकतंत्र के लिए संघर्ष किया।

कौन होगा पात्र?

गृह विभाग द्वारा जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार, “राज्य सरकार ने गहन विचार के बाद आपातकाल के दौरान मिसा (आंतरिक सुरक्षा अधिनियम, 1971), डीआईआर (भारत रक्षा नियम) या डीआईएसआईआर (भारत और आंतरिक सुरक्षा नियम) के तहत हिरासत में रखे गए व्यक्तियों को मासिक पेंशन और मुफ्त चिकित्सा उपचार का लाभ देने का निर्णय लिया है।”

इस पेंशन योजना का लाभ उन सभी व्यक्तियों को मिलेगा, जो 1 जनवरी 2025 तक जीवित हैं। यह लाभ 1 जनवरी 2025 से लागू होगा और हिरासत की अवधि के आधार पर इसमें कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।

सरकार करेगी पात्रता की जांच

राज्य सरकार ने उन लोगों की पहचान करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं, जो इस योजना के लिए पात्र हो सकते हैं। जेल रिकॉर्ड का विश्लेषण कर आपातकाल के दौरान हिरासत में लिए गए लोगों की सूची तैयार की जाएगी। हालांकि, सरकार के पास वर्तमान में इस बात का आधिकारिक आंकड़ा नहीं है कि आपातकाल के दौरान कितने लोग हिरासत में लिए गए थे और उनमें से कितने अब जीवित हैं।

ओडिशा की यह घोषणा भाजपा के उस राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा है, जिसमें आपातकाल के समय हुए अत्याचारों की आलोचना की जाती रही है। आधिकारिक आदेश ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा 2 जनवरी को अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह में आपातकाल के दौरान हिरासत में लिए गए लोगों को पेंशन देने की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है। उन्होंने आपातकाल को स्वतंत्र भारत का “सबसे काला दौर” भी बताया।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

यह योजना उन लोगों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जो आपातकाल के दौरान कठिनाइयों का सामना कर चुके हैं। हालांकि, राज्य सरकार को इस योजना के वित्तीय प्रबंधन और लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी उपाय करने होंगे। आपातकाल के दौरान हिरासत में लिए गए कई लोग विभिन्न राजनीतिक दलों में वरिष्ठ पदों पर हैं। इस निर्णय के साथ, ओडिशा देश के उन कई अन्य भाजपा शासित राज्यों में शामिल हो गया है जो उस अवधि के बंदियों को पेंशन प्रदान कर रहे हैं।

1975 से 1977 तक का आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक कठिन दौर था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आंतरिक और बाहरी खतरों का हवाला देते हुए इसे लागू किया। इस दौरान विपक्षी नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों को बिना किसी मुकदमे के हिरासत में लिया गया। मुख्यमंत्री माझी ने घोषणा के वक्त कहा था कि, “हम इस पेंशन योजना के जरिए लोकतंत्र के सेनानियों को सम्मानित कर रहे हैं। यह उनकी कुर्बानी और संघर्ष का प्रतीक है।”

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा