Saturday, October 11, 2025
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शोएब अख्तर ही नहीं, तीन और पाकिस्तानी क्रिकेटर्स और ‘वासे-इफ्फी’ के भी यूट्यूब चैनल बंद

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटरों शोएब अख्तर और बासित अली के यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। सिर्फ इन्हीं के चैनल नहीं, बल्कि पाकिस्तान के 16 अन्य यूट्यूब चैनल भी भारत में बैन कर दिए गए हैं। इन चैनलों पर भड़काऊ और समुदायों के बीच तनाव फैलाने वाली सामग्री दिखाने, भारत, भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ झूठी और भ्रामक बातें फैलाने का आरोप है।

जिन यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई की गई है, उनमें कई पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर्स के भी चैनल शामिल हैं। इसके अलावा विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट के दौरान अपने बयानों से तहलका मचाने वाले पाकिस्तान के ‘वासे और इफ्फी भाई’ के यूट्यूब चैनल पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

भारत सरकार ने गृह मंत्रालय की सिफारिश

यह कार्रवाई भारत सरकार ने गृह मंत्रालय की सिफारिश पर की है। अब जब भारत में इन चैनलों को सर्च किए जाता है, तो यूट्यूब पर एक संदेश आता है- “यह सामग्री इस देश में राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था से जुड़ी सरकारी आदेश के कारण उपलब्ध नहीं है।”

बैन के बाद अब भारत में शोएब अख्तर के चैनल का कोई भी वीडियो नहीं देखा जा सकता। उनके चैनल को भारत में काफी फॉलो किया जाता रहा है।

ये चैनल हुए बैन 

जिन अन्य चैनलों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें शामिल हैं: डॉन न्यूज, इरशाद भट्टी, समा टीवी, एआरवाई न्यूज, बोल न्यूज, रफ्तार, द पाकिस्तान रेफरेंस, जियो न्यूज, समा स्पोर्ट्स, जीएनएन, उजैर क्रिकेट, उमर चीमा एक्सक्लूसिव, असमा शिराज़ी, मुनीब फारूक, सुनो न्यूज एचडी और रजी नामा। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। दिल्ली में पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक साद अहमद वर्राइच को बुलाकर और पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के लिए पर्सोना नॉन ग्राटा सौंपा।

सिंधु जल संधि को निलंबित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को “निर्दोष नागरिकों पर कायराना हमला” बताया और इसके बाद भारत ने कई बड़े फैसले लिए हैं। इनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी-वाघा सीमा को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना रद्द करना, पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों को भारत से निकालना और दोनों देशों के उच्चायोगों में राजनयिकों की संख्या कम करना शामिल है।

यह सभी कदम पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन “द रेजिस्टेंस फ्रंट” द्वारा कराए गए हमले के बाद उठाए गए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।

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