उत्तर बंगाल के पहाड़ी, तराई और डुआर्स क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से जारी मूसलाधार बारिश और लगातार भूस्खलन के बाद स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। सोमवार को हुई भारी तबाही में मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हो गई, जबकि 6 लोग अब भी लापता हैं।
इस प्राकृतिक आपदा ने उत्तर बंगाल के चाय उद्योग को भी गहरी चोट पहुँचाई है। डुआर्स ब्रांच ऑफ टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव राम अवतार शर्मा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि शुरुआती आकलन में चाय क्षेत्र को 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने की आशंका है।
राम अवतार शर्मा ने कहा, मेरी जानकारी में उत्तर बंगाल का चाय उद्योग कभी इतने बड़े नुकसान से नहीं गुजरा। । उन्होंने तत्काल सरकारी सहायता की मांग की है।
बारिश और भूस्खलन से चाय उद्योग दो स्तरों पर प्रभावित हुआ है। पहला, पहाड़, तराई और डुआर्स क्षेत्र के कई चाय बागान जलभराव और मिट्टी के बहाव से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे ‘टू लीव्स एंड अ बड’ की तुड़ाई प्रभावित हुई है। दूसरा, प्रोसेस्ड चाय पत्तियों के गोदामों में पानी भर गया, जिससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, कुल 276 चाय बागानों में से लगभग 30 बागान बाढ़ और भूस्खलन से गंभीर रूप से प्रभावित हैं, जिनमें तराई क्षेत्र के 15 बागान सबसे अधिक नुकसान झेल रहे हैं। उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि इस आपदा और उत्पादन में आई रुकावट से आने वाले महीनों में चाय की कीमतें बढ़ सकती हैं।
दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कलिम्पोंग जिलों में 12 घंटों में 300 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, जिसने बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है।
सीएम ममता बनर्जी ने की मुआवजे की घोषणा
उत्तरी बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़ने बढ़ सकती है क्योंकि बचाव अभियान जारी है। सड़कें धंसने, पुल टूटने और बस्तियों के नष्ट होने से मीरिक, सुकिया पोखरी, जोरबंगलो और नागराकाटा सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। भूस्खलन के 40 से अधिक स्थानों पर बचाव दल मलबा हटाने में जुटे हैं, हालांकि मौसम साफ होने के बाद सोमवार को बचाव कार्यों में तेजी आई और कई फंसे हुए पर्यटक पहाड़ियों से नीचे उतर आए।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ सोमवार को बागडोगरा का दौरा किया और बचाव कार्यों की निगरानी की। उन्होंने भूस्खलन पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि। परिवार के एक सदस्य को होम गार्ड की नौकरी देने की घोषणा की।
मंगलवार बारिश की चेतावनी
गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन, राज्य अधिकारियों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे राहत शिविरों में विस्थापित परिवारों को भोजन, दवाएँ और आश्रय प्रदान किया जा रहा है। मौसम विभाग ने मंगलवार सुबह तक दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार जिलों में लगातार बारिश की चेतावनी दी है। कई इलाकों में रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने से कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं या देरी से चल रही हैं।