Friday, October 10, 2025
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निज्जर और पन्नू एक ही साजिश का हिस्सा, बोले कनाडाई उच्चायुक्त कैमरून- भारत की भूल थी कि…

ओटावाः कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक संबंधों में चल रहे तनाव ने एक नया मोड़ ले लिया है। शुक्रवार को, जब कनाडाई राजनयिकों ने भारत छोड़ दिया, कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैके ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भारत ने अमेरिका और कनाडा में एक साथ कई लोगों को निशाना बनाया था।

मैके ने भारत पर क्या आरोप लगाए?

कनाडाई उच्चायुक्त कैमरून ने कार्यकाल पूरा होने के बाद अगस्त में भारत छोड़ दिया था। उन्होंने जून 2023 में कनाडा में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और अमेरिका में खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के प्रयास को एक ही साजिश का हिस्सा बताया।

मैके ने यह भी कहा कि भारत सरकार की यह रणनीतिक गलती थी कि उन्होंने उत्तर अमेरिका में हिंसक अपराध करवाने की कोशिश की। मैके ने कहा, भारत सरकार का यह सोचना कि उसके एजेंट उत्तरी अमेरिका में हिंसक अपराध कर सकते हैं और बचकर निकल सकते हैं, यह एक बहुत बड़ी रणनीतिक भूल थी। कुछ गलतियों की वजह से ये लोग पकड़े गए है। उन्होंने कहा, भारत सरकार ने कुछ गंभीर ‘रेड लाइन’ पार कर दी हैं। इससे भारत की छवि को गहरा धक्का लगा है।

अमेरिका ने पूर्व रॉ एजेंट विकास यादव पर लगाए हैं गंभीर आरोप

गौरतलब है कि पिछले दिनों अमेरिकी अभियोग में विकास यादव को पन्नू हत्या का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया। विकास यादव सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट थे और भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के साथ काम कर चुके हैं। उन्हें एफबीआई ने ‘मोस्ट वांटेड’ सूची में डाल दिया है। विकास यादव को नवंबर 2023 में पहली बार इस मामले में आरोपी बनाया गया था और अब उन पर “मर्डर-फॉर-हायर” और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं।

ये भी पढ़ेंः पूर्व रॉ अधिकारी विकास यादव…जिस पर अमेरिका ने पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया, क्या है मामला?

भारत ने आरोपों को किया खारिज

भारत ने कनाडा द्वारा लगाए गए इन आरोपों को निराधार और राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है। हालांकि, अमेरिका द्वारा मांगी गई जानकारी पर भारत अधिक सहयोगात्मक रहा है। वहीं, कनाडा के डिप्टी हाई कमिश्नर स्टुअर्ट व्हीलर समेत पांच कनाडाई राजनयिकों को भारत ने निष्कासित कर दिया है। इसके जवाब में कनाडा ने भी पांच भारतीय राजनयिकों को अपने देश से निकाल दिया है।

‘जब तक भारत गलतियों की जिम्मेदारी नहीं लेता, चीजें सामान्य नहीं होंगी’

मैके ने कहा कि कनाडा और भारत के बीच तनाव के कारण दोनों देशों के लोगों और व्यापारियों को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को सुधारने में बहुत समय लग सकता है और यह भारत की तरफ से पहल पर निर्भर करेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत और कनाडा के बीच दीर्घकालिक संबंध महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि दोनों देश लोकतंत्र और कानून के शासन में विश्वास करते हैं। हालांकि, भारत की हाल की गतिविधियों ने इन संबंधों में दरार डाल दी है और तब तक चीजें सामान्य नहीं हो सकतीं जब तक कि भारत इन गलतियों की जिम्मेदारी नहीं लेता।

‘भारत ने अमेरिका और कनाडा के प्रति अलग-अलग रुख अपनाया’

मैके ने यह भी कहा कि भारत ने कनाडा और अमेरिका के प्रति अलग-अलग रुख अपनाया है। कनाडा एक मध्यम शक्ति है जबकि अमेरिका एक महाशक्ति है, इसलिए भारत अमेरिका के खिलाफ वैसा ही रुख नहीं अपना सकता जैसा उसने कनाडा के खिलाफ लिया है। कनाडा के विदेश मंत्री मेलानी जोली ने भी कहा कि कनाडा में बचे हुए भारतीय राजनयिक अब पूरी तरह से निगरानी में हैं और कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त को भी जांच के दायरे में रखा है।

आगे का रास्ता: क्या संबंध सुधरेंगे?

मैके ने कहा कि भविष्य में भारत और कनाडा के संबंध तब ही सुधर सकते हैं जब भारत इस पूरे मामले में जिम्मेदारी लेगा और सही कदम उठाएगा। हालांकि, वर्तमान में दोनों देशों के बीच जारी कूटनीतिक विवाद का अंत होता नहीं दिख रहा है।

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