Friday, October 10, 2025
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कासगंज चंदन गुप्ता हत्याकांड मामले में NIA स्पेशल कोर्ट का फैसला, 28 आरोपी दोषी करार, 2 बरी

लखनऊ: कासगंज के चर्चित चंदन गुप्ता हत्याकांड मामले में लखनऊ की एनआईए स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मामले में 28 आरोपियों को दोषी करार दिया है और दो आरोपियों को बरी किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अदालत सजा का ऐलान शुक्रवार को करेगी।

ज्ञात हो कि कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। आरोपियों ने हाईकोर्ट में एनआईए कोर्ट की वैधानिकता और सुनवाई पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की थी।

हालांकि, हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद गुरुवार को लखनऊ की एनआईए स्पेशल कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मामले में कुछ 28 आरोपियों को दोषी करार दिया है।

एनआईए स्पेशल कोर्ट ने दो आरोपियों को किया बरी

अतिरिक्त जिला न्यायाधीश विवेकानंद सरन त्रिपाठी की अदालत ने गुरुवार को 28 आरोपियों को हत्या (धारा 302) और हत्या के प्रयास (धारा 307) सहित कई धाराओं के तहत दोषी करार दिया।

अदालत ने दोषियों पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत भी आरोप तय किए। जिला सरकारी वकील मनोज त्रिपाठी ने कहा, “हम सभी दोषियों के लिए अधिकतम सजा की मांग करेंगे।” वहीं, अदालत ने दो आरोपियों, नसीरुद्दीन और असीम कुरेशी, को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

दोषी ठहराए गए लोगों में सलीम, वसीम, नसीम, जाहिद ‘जग्गा’, आसिक कुरेशी ‘हिटलर’, असलम कुरेशी, अकरम, तौफीक, खिल्लन, शबाब, राहत, सलाम, मोहसिन, आसिफ जिमवाला, साकिब, बब्लू, निशु, वासिफ, इमरान, शमशाद, जफर, साकिर, खालिद परवेज, फैजान, इमरान कय्यूम, साकिर सिद्दीकी, मुनाजिर रफी और आमिर रफी शामिल हैं।

चंदन गुप्ता की हत्या का आरोपी मुनाजिर रफी, कासगंज की वकील मोहिनी तोमर की हत्या का भी आरोपी है। तोमर की हत्या तीन सितंबर 2024 को कासगंज में की गई थी।

चंदन गुप्ता हत्याकांड में 100 से अधिक लोग हुए थे गिरफ्तार

गौरतलब है कि 26 जनवरी 2018 को कासगंज में तिरंगा यात्रा निकालने के दौरान चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने इस मामले के संबंध में मुख्य आरोपी वसीम, नसीम, सलीम के साथ सौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था।

हालांकि, कई लोगों को छोड़ दिया गया था। चंदन के पिता ने करीब छह साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी और अब अदालत का फैसला आया है।

(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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