Friday, October 10, 2025
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मोहम्मद जुबैर के खिलाफ FIR में जोड़ा गया भारत की संप्रभुता, एकता को खतरे में डालने का आरोप

नई दिल्ली: फैक्टचेकर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ गाजियाबाद में एक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई थी, जिसमें उन्हें भारत की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया।

यह एफआईआर डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद के समर्थकों ने जुबैर के एक ट्वीट को लेकर दर्ज कराई थी। जुबैर ने इस ट्वीट में नरसिंहानंद के एक विवादास्पद बयान का विरोध किया था। इसके बाद जुबैर ने गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया।

न्यायालय इस पर 3 दिसंबर को करेगा सुनवाई

बार एंड बेंच की खबर के अनुसार, उच्च न्यायालय ने 25 नवंबर को मामले की सुनवाई की और जांच अधिकारी को एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। इसमें एफआईआर में जोड़ी गई दो नई धाराओं-सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 का उल्लेख किया गया।

न्यायालय ने इस संशोधन को स्वीकार कर लिया और अगली सुनवाई 3 दिसंबर को निर्धारित की। खबर के मुताबिक, बीएनएस की धारा 152 के तहत यह अपराध माना जाता है यदि कोई व्यक्ति भारत की संप्रभुता या एकता को खतरे में डालने का प्रयास करता है।

जुबैर के खिलाफ यह धाराएं जोड़ी गईं हैं, जिनके तहत उन्हें आजीवन कारावास या सात वर्ष तक की सजा हो सकती है।

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यति नरसिंहानंद के कथित बयान पर ट्वीट से हुआ था विवाद

मामला तब शुरू हुआ जब यति नरसिंहानंद ने 29 सितंबर को एक सार्वजनिक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणियां कीं। जुबैर ने इस भाषण को “नफरत भरा” करार देते हुए ट्विटर पर पोस्ट किया।

इस ट्वीट के बाद उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा और कई एफआईआर दर्ज की गईं। हालांकि, नरसिंहानंद के समर्थकों ने जुबैर के खिलाफ शिकायत दर्ज की और आरोप लगाया कि उसने एक वीडियो क्लिप साझा करके हिंसा भड़काने की कोशिश की।

जुबैर ने इस मामले में अपनी याचिका में कहा कि उसने नरसिंहानंद की नफरत फैलाने वाली टिप्पणियों को उजागर करने के लिए यह ट्वीट किया था। जुबैर का यह भी कहना है कि एफआईआर दर्ज करना केवल पब्लिसिटी स्टंट था, जैसा कि शिकायतकर्ता ने खुद एक पोस्ट में स्वीकार किया।

जुबैर का यह आरोप भी है कि एफआईआर का उद्देश्य उन्हें उनकी फैक्ट चेकिंग गतिविधियों से रोकना है। गाजियाबाद पुलिस ने जुबैर के खिलाफ कई धाराओं में आरोप लगाए, जिसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना, आपराधिक धमकी देना और मानहानि जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं।

जुबैर ने कहा है कि यह एफआईआर उनकी आलोचनात्मक पोस्टों को दबाने का एक प्रयास है, खासकर जब उन्होंने नरसिंहानंद की विवादास्पद टिप्पणियों को सार्वजनिक किया था।

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