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पाकिस्तानः 26/11 समेत भारत में कई आतंकी हमले में शामिल रहा अब्दुल रहमान मक्की की हार्ट अटैक से मौत

इस्लामाबादः मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के उप प्रमुख हाफिज अब्दुल रहमान मक्की की शुक्रवार (27 दिसंबर) पाकिस्तान के लाहौर में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। मक्की कुछ दिनों से बीमार था और उसे उच्च शुगर लेवल के इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था।

मक्की के खिलाफ कई आतंकवादी मामलों में कार्रवाई की गई थी। 2019 में पाकिस्तान सरकार ने उसे गिरफ्तार कर घर पर नजरबंद कर दिया था। 2020 में आतंकवाद के लिए फंडिंग से संबंधित मामलों में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वहीं, 2023 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने मक्की को “वैश्विक आतंकवादी” घोषित किया था, जिसके बाद उसकी संपत्ति जब्त कर ली गई थी और उस पर यात्रा और हथियार प्रतिबंध लगा दिए गए थे।

26/11 समते भारत में कई आतंकी हमले में मक्की का रहा हाथ

मीडिया रिपोर्टों को मुताबिक हाफिज सईद के साथ मक्की भी 2008 के मुंबई हमले  (26/11) की साजिश में शामिल था। जिसमें 166 लोग मारे गए थे। उसने आतंकियों के लिए फंड की व्यवस्था की थी। इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई के विभिन्न स्थानों पर हमला किया था।

आतंकियों ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताज महल पैलेस और टॉवर होटल, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस,मेट्रो सिनेमा, और टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग और सेंट जेवियर्स कॉलेज के पीछे की गली, मुंबई के बंदरगाह क्षेत्र मझगांव में और विले पार्ले में एक टैक्सी पर हमला किया। आतंकवादी आमिर अजमल कसाब जीवित पकड़ लिया गया, जबकि उसके बाकी साथी मारे गए।

मुंबई हमले के अलावा भारत में हुए कई बड़े आतंकी हमलों में हाफिज सईद के साथ साथ मक्की का भी हाथ माना जाता रहा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, लश्कर ने  रामपुर में 1 जनवरी 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के पांच आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया। इस हमले में 7 सीआरपीएफ जवान और एक रिक्शा चालक मारे गए।

फरवरी 2018 में श्रीनगर के करण नगर में स्थित सीआरपीएफ कैंप पर लश्कर के एक आत्मघाती हमलावर ने हमला किया। इस दौरान एक जवान शहीद हो गया और एक पुलिसकर्मी घायल हुआ। वहीं, मई 2018 में बारामूला में लश्कर के आतंकियों ने तीन निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी।

लाल किला पर हमले और पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या में भी शामिल रहा

इसके अलावा, मक्की भारत में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा 2000 में लाल किला पर हमले और 2018 में वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या में भी शामिल था। बांदीपोरा में लश्कर के आतंकवादियों ने घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने इसे नाकाम कर दिया। इस मुठभेड़ में चार जवान शहीद हुए थे।

जब मक्की को “वैश्विक आतंकवादी” घोषित किया गया, तो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कहा था, “सुरक्षा परिषद समिति ने 1267 (1999), 1989 (2011) और 2253 (2015) संकल्पों के तहत आईएआईएल (Da’esh), अल-कायदा और संबंधित व्यक्तियों, समूहों, उपक्रमों और संस्थाओं को उनके संपत्ति परिसमापन, यात्रा प्रतिबंध और हथियारों के प्रतिबंध के तहत सूचीबद्ध करने का निर्णय लिया है।”

 

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