Homeभारतपूर्व विदेश सचिव मुचकुंद दुबे का 90 साल की उम्र में निधन

पूर्व विदेश सचिव मुचकुंद दुबे का 90 साल की उम्र में निधन

नई दिल्ली: भारत के पूर्व राजनयिक और विदेश सचिव मुचकुंद दुबे अब इस दुनिया में नहीं हैं। उन्होंने दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल में अंतिम सांसें लीं। वे 90 साल के थे और बीते कुछ समय से उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे।

मुचकुंद दुबे का जन्म झारखंड में देवघर के जसीडीह में 1933 में हुआ था। वो 1957 में आईएफएस बने। 1979 से 1982 तक वो बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त रहे। 20 अप्रैल 1990 से 30 नवंबर 1991 तक वो भारत के विदेश सचिव थे।
यह वो समय था जब कोल्ड वॉर समाप्त हो रहा था इराक का युद्ध छिड़ गया था।

मुचकुंद दुबे रिटायरमेंट के बाद भी लगातार सक्रिय रहे हैं। उन्होंने भारत की विदेश नीति और सामाजिक राजनीतिक बदलावों पर सात पुस्तकें भी लिखी हैं। देश के प्रतिष्ठित अखबारों में लगातार लेख भी लिखते रहे हैं।

मुचकुंद दुबे देश के सम्मानित विश्वविद्यालय जवाहर लाल नेहरू युनिवर्सिटी में पढ़ाते रहे हैं। साथ ही वे दिल्ली के काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट के प्रेसिडेंट और पटना के एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट के चेयरमैन भी थे। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार दिन में 4 बजे दिल्ली के लोधी रोड श्मशान घाट पर किया जाएगा।

मुचकुंद दुबे के बारे में जानिए

मुचकुंद दुबे ने पटना विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की थी। बाद में उन्होंने ऑक्सफोर्ड और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालयों में अर्थशास्त्र का अध्ययन किया। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से भी डी. लिट की डिग्री (मानद उपाधि) प्राप्त की थी।

भारतीय विदेश सेवा में उनके करियर की बात करें तो बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त और जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र संगठनों के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में वे कार्य कर चुके थे। भारत सरकार के विदेश सचिव के पद पर रहने के बाद वे भारतीय विदेश सेवा से सेवानिवृत्त हुए।

इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में करीब आठ साल तक पढ़ाने का काम किया। एक अंतरराष्ट्रीय सिविल सेवक के रूप में, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और यूएनडीपी दोनों के मुख्यालयों में काम किया। वे यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड में भारतीय सदस्य रहे। बिहार में कॉमन स्कूल सिस्टम आयोग के अध्यक्ष और सिक्किम के योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version