Friday, October 10, 2025
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MP: ‘चार बच्चे पैदा करो, 1 लाख पाओ’, परशुराम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष विष्णु राजोरिया के बयान पर विवाद

भोपालः मध्य प्रदेश के परशुराम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पंडित विष्णु राजोरिया के बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। रविवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने ब्राह्मण दंपत्तियों से कम से कम चार बच्चे पैदा करने का आग्रह किया। इसके लिए बतौर प्रोत्साहन उन्हें 1 लाख रुपए का नकद पुरस्कार देने की घोषणा भी की। हालांकि राजोरिया ने विवाद बढ़ने के बाद कहा कि यह निर्णय उनका व्यक्तिगत है, राज्य सरकार का नहीं।

विष्णु राजोरिया ने क्या कहा?

राजोरिया रविवार इंदौर में सनाढ्य ब्राह्मण समाज के परिचय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, “आजकल के युवा केवल एक बच्चा करके रुक जाते हैं। इससे भविष्य में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ब्राह्मण समाज के नवविवाहित जोड़ों से मेरी अपील है कि कम से कम चार बच्चे पैदा करें। अगर वे ऐसा करते हैं तो उन्हें 1 लाख रुपये का इनाम मिलेगा। चाहे मैं परशुराम कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष रहूं या न रहूं, यह इनाम दिया जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा, “हमने अपने परिवारों पर ध्यान देना बंद कर दिया है, जिससे विधर्मियों की संख्या बढ़ रही है। बुजुर्गों से हम ज्यादा उम्मीद नहीं कर सकते, लेकिन युवा पीढ़ी को यह समझना चाहिए कि वे आने वाली पीढ़ी की सुरक्षा के लिए खुद जिम्मेदार हैं। यह मेरा व्यक्तिगत फैसला है, सरकार का नहीं। हमारा समाज इतना सक्षम है कि इसे पूरा कर सकता है।”

राजोरिया ने कहा, “सनातन धर्म की रक्षा के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि दंपत्तियां अधिक बच्चों को जन्म दें ताकि उनमें से एक परिवार का ध्यान रख सके, परिवार के लिए कमा सके और ‘मोक्ष धर्म’ को प्राप्त कर सके।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत में संसाधनों की कोई कमी नहीं है क्योंकि देश दिन-ब-दिन प्रगति कर रहा है। हमारे पास एक मजबूत सरकार है जो राष्ट्र की भलाई के लिए काम कर रही है। राजोरिया ने कहा कि ब्राह्मण समुदाय से इस प्रस्ताव को समर्थन मिला है और बोर्ड इस पर काम शुरू करेगा।

राजोरिया ने कहा कि “हमें इस पर बात नहीं करनी चाहिए कि गरीबी और महंगाई के कारण क्या समस्याएं होंगी। हाल ही में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। हम एक मजबूत राष्ट्र बना रहे हैं, इसलिए हमें सनातन धर्म को प्रोत्साहित और मजबूत करना होगा।”

जब उनसे पूछा गया कि चार बच्चों का पालन परिवारों पर वित्तीय दबाव डालेगा, तो राजोरिया ने कहा, “जब हमारा देश स्वतंत्र नहीं हुआ था, तब हमारे पास कपड़े नहीं थे और बच्चों को खिलाने के लिए सुविधाएं कम थीं। लेकिन भगवान की कृपा से, हमारे पास राज्य और केंद्र में सरकारें हैं, जहां कोई भूखा, प्यासा नहीं है और उसके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं हैं।”

कांग्रेस ने जताई आपत्ति, भाजन ने बयान से किया किनारा

राजोरिया के बयान पर कांग्रेस ने जहां आपत्ति जताई, वहीं भाजपा ने बयान से किनारा कर लिया। कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा, “देश में जनसंख्या नियंत्रण पर सरकार काम कर रही है और इस तरह के बयान समाज को पीछे ले जाएंगे। सीमित बच्चों का पालन-पोषण बेहतर हो सकता है। राजोरिया को अपने बयान पर पुनर्विचार करना चाहिए।”

उधर, भाजपा ने इस बयान को पंडित विष्णु राजोरिया का व्यक्तिगत विचार बताते हुए कहा कि इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा प्रवक्ता अजय यादव ने कहा, “सरकार हर वर्ग के लिए काम कर रही है। यह पंडित विष्णु राजोरिया का व्यक्तिगत बयान है, न कि पार्टी या सरकार का।”

राजोरिया ने बयान पर दी सफाई

विवाद बढ़ने के बाद भोपाल में मीडिया से बात करते हुए राजोरिया ने कहा कि उनका यह बयान पूरी तरह से उनका व्यक्तिगत विचार है और सरकार का इसमें कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा, “ब्राह्मण समाज इस फैसले को लागू करने में सक्षम है। मैंने यह बयान एक सामाजिक कार्यक्रम में दिया था और यह मेरा व्यक्तिगत प्रयास है।”

जब उनसे पूछा गया कि 1 लाख रुपये में चार बच्चों का लालन-पालन कैसे संभव होगा, तो उन्होंने कहा कि बच्चों के लालन-पालन का खर्च वह खुद उठाएंगे। साथ ही, परशुराम कल्याण बोर्ड की ओर से भी सहायता दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिए। उनका मानना ​​है कि निजी स्कूलों में पढ़ाई की आवश्यकता नहीं है, सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकती है।

पंडित विष्णु राजोरिया को मोहन सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है। 2023 में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने परशुराम कल्याण बोर्ड की स्थापना की थी। इस बोर्ड का उद्देश्य ब्राह्मण समाज, खासकर निम्न मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाना है।

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (डीईएसए) द्वारा प्रकाशित विश्व जनसंख्या संभावना 2024 रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2023 में दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन को पीछे छोड़ देगा और 21वीं सदी में दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा, जिसकी जनसंख्या 2060 के दशक की शुरुआत में लगभग 1.7 बिलियन तक पहुँच जाएगी।

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