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स्मृति ईरानी से लेकर महेंद्र नाथ पांडेय तक, मोदी सरकार के वे मंत्री जिन्हें लोकसभा चुनाव में मिली हार

नई दिल्लीः 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के स्मृति ईरानी, अर्जुन मुंडा, महेंद्र नाथ पांडेय और अजय मिश्रा टेनी सहित कई केंद्रीय मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। यूपी से चुनाव लड़ने वाले 12 केंद्रीय मंत्रियों में से केवल पांच ही अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। हिंदी पट्टी में इन हारों के बाद भाजपा को सरकार बनाने के लिए अपने एनडीए सहयोगियों पर निर्भर होना पड़ेगा। 2014 और 2019 के चुनाव की तरह इस बार भाजपा को व्यापक जनादेश नहीं मिल पाया है। भाजपा ने 2014 के चुाव में 282 और 2019 में 303 सीटें हासिल कर बहुमत प्राप्त किया था। हालांकि इस बार उसे 240 सीटें ही मिल पाई हैं। जबकि कांग्रेस के खाते में 99 सीटें गई हैं।

स्मृति ईरानी: अमेठी में स्मृति ईरानी की हार सबसे चर्चित हारों में से एक है।  ईरानी, जिन्होंने 2019 में राहुल गांधी को हराया था, कांग्रेस उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा से 1,67,196 मतों से हार गईं।

अजय मिश्रा टेनी: गृह राज्य मंत्री, जो विवादास्पद लखीमपुर खीरी घटना में उलझे थे, समाजवादी पार्टी के उत्कर्ष वर्मा से 34,329 मतों से हार गए।

अरुण मुंडा: केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री झारखंड के खूंटी क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार कालीचरण मुंडा से 1,49,675 मतों से बुरी तरह हार गए।

कैलाश चौधरी: राजस्थान के बाड़मेर में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी तीसरे स्थान पर रहे। चौधरी कांग्रेस के उम्मेदा राम बेनीवाल से 4.48 लाख मतों से पीछे रहे।

राजीव चंद्रशेखर: केरल के तिरुवनंतपुरम में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, राजीव चंद्रशेखर को कांग्रेस के दिग्गज शशि थरूर से 16,077 मतों से हार का सामना करना पड़ा है।

महेंद्र नाथ पांडेयः केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय उत्तर प्रदेश की चंदौली सीट पर हार गए हैं। उन्हें समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी बीरेंद्र सिंह से 4, 74, 446 वोटों से हार मिली है।

कौशल किशोरः आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर, समाजवादी पार्टी के आरके चौधरी से 70,292 मतों से मोहनलालगंज में हार गए।

साध्वी निरंजन ज्योतिः केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश के फतेहपुरसीट से हार गईं।

राव साहेब दानवेः रेल राज्य मंत्री राव साहेब दानवे महाराष्ट्र के जलना सीट पर कांग्रेस के कल्याण वैजनाथ राव काले से हार गए।

आरके सिंहः कैबिनेट मंत्री आरके सिंह बिहार के आरा से सीपीआई (एमएल) के सुदामा प्रसाद से हार गए।

संजीव बालयान केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के हरेंद्र सिंह मलिक से 24,000 से अधिक मतों के अंतर से हार गए।

वी मुरलीधरन: केंद्रीय विदेश और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन केरल के तिरुवनंतपुरम में हार गए।

एल मुरुगन: मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एल मुरुगन, तमिलनाडु के नीलगिरी में डीएमके के ए राजा से 2,40,585 मतों के बड़े अंतर से हार गए।

निसिथ प्रमाणिक: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक पश्चिम बंगाल के कूच बिहार सीट पर टीएमसी के जगदीश चंद्र बसुनिया से 39,000 से अधिक मतों से हार गए।

सुभाष सरकार: शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार पश्चिम बंगाल के बांकुरा लोकसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार अरूप चक्रवर्ती से 32,778 मतों के अंतर से हार गए।

देबाश्री चौधरीः केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री देबाश्री चौधरी को कोलकाता दक्षिण से हार का सामना करना पड़ा। टीएमसी की माला रॉय ने देबाश्री को 1.8 लाख वोटों से हाराया है।

भगवंत खुबाः कर्नाटक के बीदर में केंद्रीय उर्वरक मंत्री भगवंत खुबा कांग्रेस के सागर ईश्वर खादरे से 1.28 लाख वोटों से हार गए। सागर खंड्रे (26) ने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा को 1,28,875 वोटों के भारी अंतर से हराया है। खुबा को 5,37,442 वोट मिले, जबकि सागर को 6,66,317 वोट मिले।भाजपा से टिकट के ऐलान से पहले राज्य मंत्री भगवंत खुबा को कड़े आंतरिक विरोध का सामना करना पड़ा था। सागर, वन मंत्री ईश्वर खंड्रे के बेटे हैं।

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