Friday, October 10, 2025
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मोहम्मद अजहरुद्दीन को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े किस केस में ईडी का समन मिला है?

नई दिल्ली: पूर्व क्रिकेटर और भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे मोहम्मद अजहरुद्दीन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा है। राजनीति में भी हाथ आजमा चुके अजहरुद्दीन को हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में जांच एजेंसी ने तलब किया है।

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस नेता अजहरुद्दीन ने एजेंसी के सामने पेश होने के लिए समय मांगा है। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम (पीएमएलए) मामले के हिस्से के रूप में ईडी इस समय HCA में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है। इसी जांच के तहत ईडी ने पिछले साल नवंबर में तलाशी भी ली थी।

पीएमएलए का ये मामला तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा  दायर तीन एफआईआर और आरोपपत्रों के आधार पर तैयार हुआ है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार एसीबी ने 20 करोड़ रुपये की धनराशि के आपराधिक दुरुपयोग का आरोप लगाया है। अजहरुद्दीन को 2019 में हैदराबाद क्रिकेट असोसिएशन का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल 2023 में जस्टिस (रिटायर) एल नागेश्वर राव की नियुक्ति के साथ समाप्त हुआ था।

क्या है मामला और ईडी ने अब तक क्या जांच की है?

ईडी दरअसल 20 करोड़ के फ्रॉड से जुड़े मामले की जांच कर रही है। हैदराबाद में एंटी-करप्शन ब्यूरो ने जो तीन एफआईआर कराई है, उसमें राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के लिए डीजी सेट, अग्निशमन प्रणाली और कैनोपी आदि की खरीद में अनियमितताओं सहित धन के अन्य कथित दुरुपयोग के आरोप हैं।

अजहरुद्दीन जांच के दायरे में आने वाले पहले HCA अधिकारी नहीं हैं। पिछले साल दिसंबर में ईडी ने पूर्व क्रिकेटर अरशद अयूब और शिवलाल यादव से पूछताछ की थी। जांच के तहत एचसीए के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जी. विनोद से भी पूछताछ की गई थी। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत पिछले साल नवंबर में तेलंगाना भर में नौ स्थानों पर तलाशी ली थी, जिसमें विनोद, अयूब और शिवलाल यादव के आवास भी शामिल थे।

एसीबी की जांच से पता चला कि स्टेडियम के निर्माण से संबंधित कई परियोजनाओं को पूरा करने में तय समय सीमा से ज्यादा देरी की गई, जिससे लागत बढ़ी। साथ ही परियोजना का बजट बढ़ गया और एचसीए को वित्तीय नुकसान हुआ।

अधिकारियों का आरोप है कि 3.8 करोड़ के ठेके एक ऐसे बोली लगाने वाले को दिए गए, जो तय समय में काम पूरा करने में असफल रहा। इसके बावजूद कथित तौर पर आपराधिक साजिश के तहत पैसे का भुगतान किया गया और ऑडिट में एचसीए फंड के दुरुपयोग का खुलासा हुआ।

अजहरुद्दीन का क्या कहना है? कई कंपनियां भी रडार पर…

अजहरुद्दीन का कहना है कि उन्हें आरोपी इसलिए बनाया गया है क्योंकि वे उस समय एससीए के अध्यक्ष थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि एचसीए के सीईओ सुनील कांटे बोस ने जुलाई 2021 में की गई खरीदारी के लिए उनके खिलाफ दो साल बाद शिकायत दर्ज कराई।

एफआईआर में अजहरुद्दीन के अलावा हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव आर विजय आनंद और पूर्व कोषाध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल का भी नाम है। वहीं, सौदे में शामिल कंपनियों- बॉडी ड्रेंच इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Body Drench India Private Ltd), फायरविन सेफ्टी इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड, सारा स्पोर्ट्स और एक्सीलेंट एंटरप्राइजेज पर एचसीए अधिकारियों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।

एक एफआईआर के अनुसार सुनील कांटे बोस ने 2020 से मार्च 2023 तक तीन वर्षों के एचसीए के वित्त का फोरेंसिक ऑडिट करने के लिए एक चार्टर्ड अकाउंटेंसी फर्म को नियुक्त किया। फोरेंसिक ऑडिटरों ने पाया कि तीसरे पक्ष के विक्रेताओं के साथ कुछ वित्तीय लेनदेन में हेराफेरी है और ये एचसीए के हितों के पक्ष में नहीं था।

आरोपों के अनुसार फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में वित्तीय कदाचार की कई बातें सामने आई हैं। इसमें बॉडी ड्रेंच से खरीदे गए जिम उपकरणों के लिए 1.5 करोड़ के भुगतान का चालान भी शामिल था। जबकि इस कंपनी ने कथित तौर पर 2020 में कामकाज बंद कर दिया था। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है अग्नि सुरक्षा उपकरणों के लिए एक कंपनी ने 54.3 लाख रुपये का कोटेशन दिया था, हालांकि टेंडर 1.8 करोड़ रुपये का कोटेशन देने वाली कंपनी फायरविन सेफ्टी को दिया गया।

अजहरुद्दीन पर एसजी टेस्ट क्रिकेट गेंदों की खरीद में सारा स्पोर्ट्स का पक्ष लेने का भी आरोप है। बताया जा रहा है कि इसके चलते एचसीए को 57 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

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