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45 सुरंगें, 142 ब्रिज…मिजोरम की पहली रेलवे लाइन का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन, दिल्ली से हुआ सीधा कनेक्शन

बैराबी-सैरांग ब्रॉड-गेज रेल लाइन की सबसे अहम संरचनाओं में सैरांग के पास पुल संख्या 144 है, जो 114 मीटर ऊँचा है। ऐसे में यह एक तरह से दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊँचा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मिजोरम की पहली रेलवे लाइन- बैराबी-सैरांग ब्रॉड-गेज परियोजना का उद्घाटन किया। यह पूर्वोत्त राज्य की कनेक्टिविटी में एक ऐतिहासिक क्षण रहा। 8,070 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 51.38 किलोमीटर लंबी इस लाइन को भारतीय रेलवे के इतिहास के सबसे जटिल कार्यों में से एक माना जा सकता है।

इस परियोजना को 2008-09 में मंजूरी मिली और 2015 में इसका निर्माण शुरू हुआ। इस लाइन में 45 सुरंगें, 55 बड़े पुल, 87 छोटे पुल (कुल 142 पुल) और दस रोड ओवरपास और अंडरपास हैं। इस लाइन का लगभग 54% हिस्सा सुरंगों और पुलों से होकर गुजरता है। नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे के अनुसार इसकी सबसे अहम संरचनाओं में सैरांग के पास पुल संख्या 144 है, जो 114 मीटर ऊँचा है। ऐसे में यह एक तरह से दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊँचा है। इस वजह से यह देश का सबसे ऊँचा पायर रेलवे पुल बन गया है। इस परियोजना में चार स्टेशन भी जोड़े गए हैं। इनके नाम हैं- होर्टोकी, कावनपुई, मुआलखांग और सैरांग।

कनेक्टिविटी के लिहाज से क्यों अहम है ये?

यह नया रूट असम-मिजोरम सीमा पर स्थित बैराबी से सैरांग को जोड़ता है। सैरांग मिजोरम की राजधानी आइजोल से सिर्फ 20 किलोमीटर दूर है। इससे राज्य की राजधानी पहली बार भारत के रेल नेटवर्क से सीधे जुड़ गई है। इसके साथ ही गुवाहाटी, अगरतला और ईटानगर के बाद, आइजोल सीधी रेल पहुँच वाली चौथी पूर्वोत्तर राजधानी बन गई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि पहली बार मिजोरम का सैरांग राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सीधे जुड़ेगा। अब आइजोल भारत के रेलवे मानचित्र पर होगा। यह सिर्फ एक रेलवे नहीं है, बल्कि परिवर्तन की जीवनरेखा है। यह मिजोरम के लोगों के जीवन और आजीविका में क्रांति लाएगी। मिजोरम के किसान और व्यवसाय देश भर के ज्यादा बाजारों तक पहुंच पाएंगे। लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के बेहतर अवसर भी मिलेंगे। इस विकास से कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

बताते चलें कि प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। वे मिजोरम के लिए निकले थे। हालांकि, दुर्भाग्य से खराब मौसम के कारण वे आइजोल नहीं पहुंच पाए। इसके बाद मिजोरम एयरपोर्ट पर ही उन्होंने वर्चुअली कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने तीन नई लंबी दूरी की ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई। इसमें सैरांग-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, सैरांग-गुवाहाटी एक्सप्रेस और सैरांग-कोलकाता एक्सप्रेस शामिल हैं। भारतीय रेलवे के अनुसार पहली राजधानी शनिवार सुबह 10 बजे सैरांग से रवाना होकर 15 सितंबर को आनंद विहार टर्मिनल पहुँचेगी। नियमित सेवाओं के तहत यह ट्रेन हर शुक्रवार शाम सैरांग से रवाना होगी और हर रविवार रात दिल्ली से वापस आएगी।

गुवाहाटी एक्सप्रेस 13 सितंबर से प्रतिदिन चलेगी और शाम 7 बजे गुवाहाटी से और अगले दिन शाम 7 बजे सैरांग से रवाना होगी। कोलकाता एक्सप्रेस सप्ताह में तीन दिन चलेगी, हर शनिवार, मंगलवार और बुधवार को कोलकाता से रवाना होगी और हर सोमवार, गुरुवार और शुक्रवार को सैरांग से वापस आएगी।

रेलवे लाइन के अलावा और क्या बड़ी घोषणा हुई?

रेल परियोजना के साथ-साथ प्रधानमंत्री ने 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के बुनियादी ढाँचा कार्यों की आधारशिला रखी। इनमें PM-DevINE के तहत 45 किलोमीटर लंबा आइजोल बाईपास रोड, NESIDS के तहत थेनजोल-सियालसुक रोड और खानकॉन-रोंगुरा रोड शामिल हैं। इससे क्षेत्र के लोगों की यात्रा आसान होगी। साथ ही किसानों और व्यापारियों को भी फायदा पहुंचेगा।

थेनजोल-सियालसुक रोड से बागवानी किसानों, ड्रैगन फ्रूट उत्पादकों, धान की खेती करने वालों और अदरक प्रोसेसरों को लाभ होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री ने छिमटुईपुई पुल जैसी परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया, जो सभी मौसमों में संपर्क प्रदान करेगा।

विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...

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