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पहलगाम आतंकी हमलाः पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच सरकार का 7 मई को देशभर में मॉक ड्रिल का आदेश

नई दिल्लीः पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से तनाव के बीच सरकार ने सभी राज्यों को मॉकड्रिल कराने के आदेश दिए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि 7 मई 2025 को व्यापक सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जाए। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह अभ्यास संभावित शत्रु हमले की स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा और तैयारियों को परखने के लिए किया जा रहा है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, मॉक ड्रिल के तहत महत्वपूर्ण गतिविधियां की जाएंगी। इस दौरान एयर रेड वार्निंग सायरनों का संचालन होगा। यह बड़े खतरे और दुश्मन की गतिविधियों को लेकर अलर्ट जारी करने से जुड़ा कदम है।

नागरिकों और छात्रों को संभावित हमलों की स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक नागरिक सुरक्षा तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। क्रैश ब्लैकआउट की व्यवस्था की जाएगी। इसके तहत दुश्मन की हवाई निगरानी या हमले से शहरों और ढांचों को छिपाने के लिए आपातकालीन प्रोटोकॉल लागू किया जाएगा।

महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की त्वरित कैमुफ्लाजिंग की जाएगी, जो राष्ट्रीय संपत्तियों की सुरक्षा के लिए एक मानक युद्धकालीन उपाय है। निकासी योजनाओं का अद्यतन और पूर्वाभ्यास होगा, जिसके तहत किसी भी आपात स्थिति में नागरिकों को तेजी से सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का अभ्यास किया जाएगा।  देश में पिछली बार ऐसी मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी जब भारत और पाकिस्‍तान के बीच युद्ध हुआ था। 

फिरोजपुर छावनी में हुआ ब्लैकआउट अभ्यास

पंजाब के फिरोजपुर छावनी क्षेत्र में रविवार रात 9 बजे से 9:30 बजे तक 30 मिनट का ब्लैकआउट अभ्यास किया गया। एसएचओ गुरजंत सिंह के अनुसार, “सभी प्रमुख चौराहों पर पुलिस की तैनाती की गई थी। किसी भी वाहन की लाइट जलती पाई गई तो तुरंत बंद कराई गई। सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं।”

यह अभ्यास स्टेशन कमांडर और छावनी बोर्ड के दिशानिर्देशों के तहत किया गया, और यह मॉक ड्रिल के पहले चरण का हिस्सा था।

पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकियों और उनके संरक्षकों को कड़ी सजा दी जाएगी। सरकार ने सशस्त्र बलों को पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता प्रदान की है — वे कब, कैसे और किस लक्ष्य पर कार्रवाई करें, इसका निर्णय वे स्वतंत्र रूप से ले सकते हैं।

गृह मंत्रालय के इस निर्णय और हालिया उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठकों ने यह संकेत दिया है कि भारत पहलगाम हमले के जवाब में एक सख्त सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व से भी इस मुद्दे पर विचार-विमर्श हो चुका है।

आतंकी हमले के पीछे सीमा पार साजिश के प्रमाण

पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से स्थगित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयात-निर्यात और पारगमन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है, चाहे वे सीधे हों या अप्रत्यक्ष। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी की है, जिससे भारत-पाक द्विपक्षीय व्यापार पूरी तरह बंद हो गया है।

हमले के एक दिन बाद कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक में सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि यह हमला सीमा पार आतंकवाद से जुड़ा हुआ है। सरकार ने आतंकी हमले के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने आतंक के खिलाफ सरकार के किसी भी ठोस कदम को समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई।

22 मई को जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। इसने देशभर में आक्रोश और सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा कर दी है।

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