नई दिल्लीः भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने NATO प्रमुख मार्क रूट के दावे को खारिज किया है। मार्क रूट ने न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कहा था कि अमेरिकी टैरिफ के बाद ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन किया’।
उन्होंने यह भी दावा किया था कि पीएम मोदी ने पुतिन ने यूक्रेन युद्ध की रणनीति के बारे में पूछा था। विदेश मंत्रालय ने हालांकि उनकी इस टिप्पणी को ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ और ‘पूरी तरह से निराधार’ बताया है।
रणधीर जायसवाल ने क्या कहा?
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 26 सितंबर, शुक्रवार को मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से किसी भी समय उस तरीके से बात नहीं की, जैसा बताया जा रहा है। उनके मुताबिक, ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है। जायसवाल ने जोर देकर कहा,
“हमने मार्क रूट का वो बयान देखा है जिसमें उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और पुतिन के बीच फोन पर हुई। ये बयान तथ्यात्मक रूप से गलत और पूरी तरह से निराधार है। हम उम्मीद करते हैं कि NATO जैसी महत्वपूर्ण संस्था का नेतृत्व सार्वजनिक बयानों में ज्यादा जिम्मेदारी और सटीकता बरतेगा। प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को गलत तरीके से पेश करने वाली अटकलें या लापरवाह टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं, जो कभी हुई ही नहीं।”
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने रूस से तेल खरीदने की भारत सरकार की नीति पर अपना स्टैंड फिर दोहराया। जायसवाल ने कहा, “जैसा पहले भी कहा गया है, भारत के ऊर्जा आयात का मकसद भारतीय उपभोक्ताओं के लिए एक प्रेडिक्टेबल और किफायती ऊर्जा लागत सुनिश्चित करना है। भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करता रहेगा।”
NATO प्रमुख ने क्या दावा किया था?
गौरतलब है कि ‘नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन’ (NATO) के महासचिव मार्क रूट ने भारत पर अमेरिकी टैरिफ को लेकर बड़ा दावा किया था। उनके मुताबिक, भारत पर ‘अमेरिकी टैरिफ का असर पड़ रहा’ है। इतना कि वो रूस से यूक्रेन के मामले पर स्पष्टीकरण मांगने लगा है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान, न्यूज चैनल CNN से बात करते हुए मार्क रूट ने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगाए टैरिफ के कारण पीएम मोदी ने व्लादिमीर पुतिन को फोन किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ समय पहले भारत से आयात होने वाली चीजों पर पहले 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया था। इसके बाद रूस से तेल खरीद और सैन्य उपकरणों की खरीद जारी रखने पर भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया। इसका असर भारतीय उद्योगों पर पड़ रहा है। ट्रंप ने NATO के सदस्य देशों से यह भी कहा कि वे चीन पर भारी टैरिफ लगाएं और रूस से तेल खरीदना कम करें।
ट्रंप के मुताबिक, यदि ये देश ऐसा करते हैं और रूस से तेल खरीद पर पूर्णतः रोक लगाते हैं तो रूस पर प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार करेंगे।