लखनऊ: दशहरा से पहले उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर शुक्रवार को मचे बवाल के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपद्रव मचाने वालों से निपटने को लेकर अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के अधिकारियों को उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और त्योहारी सीजन के दौरान कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
यूपी सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है। कानपुर, वाराणसी और मुरादाबाद में ‘आई लव मुहम्मद विवाद’ के बाद हुई हालिया घटनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को वीडियो फुटेज और सोशल मीडिया निगरानी का उपयोग करके उपद्रवियों की पहचान करने और एफआईआर दर्ज करने सहित उनकी संपत्तियों की जाँच और तत्काल कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है।
समाचार एजेंसी के अनुसार, योगी ने कहा, ‘हर उपद्रवी की पहचान की जानी चाहिए, वीडियो फुटेज और सोशल मीडिया निगरानी के माध्यम से किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए।’
मौलाना भूल गया था, शासन किसका है: सीएम योगी
बरेली की घटना को लेकर सीएम योगी का बयान शनिवार को भी आया। एक मीडिया कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बिना किसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘पहले जब भी त्योहारों का मौसम आता था, उत्पात शुरू हो जाते थे…कभी-कभी लोग अपनी बुरी आदतें नहीं छोड़ पाते। इसलिए उनकी ‘डेंटिंग-पेंटिंग’ होनी चाहिए ताकि हम उनकी बुरी आदतों को हम ठीक कर सकें। आपने कल बरेली में यह देखा होगा। वो मौलाना (मौलाना तौकीर रजा खान) भूल गया था कि शासन किसका है। उन्होंने सोचा था कि वह धमकी दे सकते हैं और सड़कें बंद कर सकते हैं। हमने कहा था न जाम लगेगा, न कर्फ्यू। लेकिन हम तुम्हें ऐसा सबक सिखाएँगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ियाँ दंगे-फसाद भूल जाएँगी…2017 के बाद, हमने कर्फ्यू भी नहीं लगने दिया, क्या तरीका है…आप सिस्टम को ब्लॉक करना चाहते हैं और ये प्रवृति थी यूपी के अंदर। 2017 के पहले यही होता था और हम इसी बात को कह सकते हैं कि 17 के बाद हमने कर्फ्यू भी नहीं लगने दिया लेकिन ऐसे बैरियर को…वो जिस तरह की भाषा समझते थे, उस भाषा में हमने समझाने का काम किया है और उत्तर प्रदेश के विकास की कहानी यहीं से शुरू होती है…’
बरेली में शुक्रवार को क्या हुआ था…
- बरेली के इस्लामिया ग्राउंड के पास करीब 1000 से ज्यादा लोग धार्मिक नारे लिखे बैनर और तख्तियाँ लिए जमा हुए थे। स्थानीय प्रशासन के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और वाहनों में तोड़फोड़ की। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने हवा में गोलियां भी चलाईं, जिसमें कम से कम 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
- यह विरोध प्रदर्शन मौलाना तौकीर रजा खान द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपने के लिए जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय तक जुलूस निकालने के आह्वान के बाद हुआ। यह विरोध प्रदर्शन 4 सितंबर को बारावफात के जुलूस के दौरान लगाए गए ‘आई लव मुहम्मद’ बोर्ड को लेकर कानपुर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के विरोध में किया गया था।
- बहरहाल, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान समेत 50 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस सूत्रों ने पुष्टि की है कि शहर के तीन-चार थानों में एफआईआर दर्ज की जा रही हैं और तलाशी अभियान जारी है।
- दूसरी ओर दशहरा से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
- वहीं, बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कल की घटनाओं को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसी घटनाएं किसी भी तरफ नहीं होनी चाहिए। मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। पैगम्बर-ए-इस्लाम से प्रेम करने का एकमात्र तरीका है कि किसी को भी चोट न पहुँचाएँ, न तो शब्दों से और न ही कार्यों से और शांति बनाए रखें। उन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया है। इसलिए, मैं सभी मुसलमानों से कानून और व्यवस्था बनाए रखने, कानून को अपने हाथ में न लेने और किसी के साथ टकराव न करने का आग्रह करता हूं – न तो पुलिस के साथ और न ही प्रशासन के साथ… पैगम्बर-ए-इस्लाम ने जो कहा और जो रास्ता दिखाया, उसका पालन करें। यही सबसे बड़ा प्रेम है।’
- इस बीच बिहार के पूर्णिया में AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा, ‘प्रेम जताने में देशद्रोह क्या है? क्या हम प्रेम के नाम पर हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं? समस्या क्या है? इसका मतलब है कि आप प्रेम के खिलाफ हैं…एक मुसलमान तब तक सच्चा मुसलमान नहीं है जब तक वह मोहम्मद को अल्लाह का आखिरी रसूल नहीं मानता है…एशिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी भारत में रहती है। आप अपनी इस प्रतिक्रिया से कैसा संदेश दे रहे हैं? हैप्पी बर्थडे प्राइम मिनिस्टर और हैप्पी बर्थडे चीफ मिनिस्टर के पोस्टर लगाने की अनुमति है, लेकिन इसकी नहीं? वे नहीं चाहते कि कोई प्यार की बात करे… क्या होगा? हम कहाँ जाएँगे?’
- उत्तर प्रदेश पुलिस ने विरोध प्रदर्शन से पहले बरेली में फ्लैग मार्च भी किया था। जिला मजिस्ट्रेट अविनाश सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने पुलिस, प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और अर्धसैनिक बलों के साथ मार्च का नेतृत्व किया। डीएम सिंह ने कहा, ‘जिले में धारा 163 लागू है, इसलिए बिना अनुमति के कोई भी विरोध प्रदर्शन नहीं किया जा सकता।’
- इस बीच यह विवाद कुछ और शहरों में भी नजर आया है। मऊ, वाराणसी, मुरादाबाद, उत्तराखंड, कर्नाटक, गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र में भी इसी तरह के प्रदर्शनों की खबरें आई हैं। मऊ में एक बिना इजाजत लिए निकाले जा रहे जुलूस को पुलिस ने तितर-बितर कर दिया। इसमें कई बच्चे भी शामिल थे। चार-पाँच लोगों को पूछताछ के लिए ले जाया गया है। महाराष्ट्र के बीड में पुलिस ने 23 सितंबर को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित तौर पर भड़काऊ टिप्पणी करने के आरोप में एक मौलवी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
- कल की घटना पर बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘पूरे दिन कोई उपद्रव नहीं हुआ…जिले में लगभग सभी जगहों पर जुमे की नमाज सुरक्षित रूप से संपन्न हुई। केवल कोतवाली क्षेत्र में, जहाँ इस्लामिया ग्राउंड में इकट्ठा होने का आह्वान किया गया था, दोपहर लगभग 2:30 बजे बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। कुछ जगह बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें सभी को बताया गया कि इस्लामिया ग्राउंड में मांगी गई अनुमति सरकार, प्रशासन या पुलिस ने नहीं दी है। इसके बाद भी जो लोग वहाँ पहुँचे, उन्होंने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया और उन पर पथराव किया। जब लोग नहीं माने, तो पुलिस ने न्यूनतम बल प्रयोग करके भीड़ को तितर-बितर किया… हम इस बात की विस्तृत जाँच कर रहे हैं कि इसमें सीधे तौर पर कौन शामिल था। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गोलीबारी की भी जानकारी मिली है। आह्वान करने, लोगों को इकट्ठा करने और पुलिस प्रशासन को गुमराह करने में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’
10. बहरहाल, राज्य में पुलिस को बूचड़खानों का औचक निरीक्षण करने, त्योहार के मद्देनजर समारोहों के आसपास यातायात प्रबंधन करने और दुर्गा पूजा एवं रावण दहन के आयोजनों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। सीएम योगी ने ये भी निर्देश दिए हैं करि मूर्तियों की ऊँचाई सुरक्षा मानकों के अनुसार होनी चाहिए और विसर्जन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री योगी ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने, गरबा और डांडिया आयोजनों पर निगरानी रखने का भी निर्देश दिया है।