Friday, October 10, 2025
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मार्शल लॉ विवादः दक्षिण कोरिया के पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने हिरासत केंद्र में की आत्महत्या की कोशिश, हालत स्थिर

सोलः दक्षिण कोरिया के पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने हिरासत केंद्र के बाथरूम में आत्महत्या की कोशिश की, लेकिन समय रहते उन्हें बचा लिया गया। न्याय मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि किम की हालत अब स्थिर है।

मंत्रालय के अनुसार, किम ने मंगलवार रात 11:52 बजे पूर्वी सोल के डोंगबू हिरासत केंद्र में इनरवियर से बनाई गई रस्सी का इस्तेमाल कर खुद को फांसी लगाने की कोशिश की। हालंकि वहां मौजूद कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें बचा लिया। न्याय मंत्रालय ने बयान में कहा, मेडिकल जांच में उनकी हालत स्थिर पाई गई है। फिलहाल उन्हें सामान्य परिस्थितियों में रखा गया है।

विद्रोह के आरोप में गिरफ्तार

किम योंग-ह्यून को रविवार (8 दिसंबर) को हिरासत में लिया गया था। उन पर मार्शल लॉ लागू करने और राष्ट्रपति यून सूक योल के समर्थन में विद्रोह की साजिश रचने का आरोप है। मंगलवार रात अदालत ने उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया, जिसके बाद बुधवार को उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया।

अभियोजकों का आरोप है कि किम ने तत्कालीन रक्षा मंत्री रहते हुए राष्ट्रपति यून को मार्शल लॉ की घोषणा का सुझाव दिया और नेशनल असेंबली और राष्ट्रीय चुनाव आयोग के मुख्यालय में सैनिक तैनात करने का आदेश दिया। दक्षिण कोरियाई कानून के तहत विद्रोह की साजिश के लिए दोषी पाए जाने पर मौत की सजा, आजीवन कारावास या न्यूनतम पांच साल की जेल हो सकती है।

आत्महत्या की कोशिश के बाद किम को सुरक्षात्मक सेल में भेजा गया

कोरिया सुधार सेवा के आयुक्त जनरल शिन योंग-हे ने बताया कि घटना के बाद किम को एक सुरक्षात्मक सेल में रखा गया है। विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जंग चुंग-राय ने दावा किया कि किम ने यह कदम शायद इसलिए उठाया क्योंकि अभियोजन पक्ष ने कथित विद्रोह के मामले में उन्हें निशाना बनाया। हालांकि, न्याय मंत्री पार्क सुंग-जे ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा, “आत्महत्या की कोशिश के कई कारण हो सकते हैं। इसके पीछे की वजह का सटीक पता लगाना मुश्किल है।”

राष्ट्रपति यून सूक योल ने मंगलवार रात आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की थी, लेकिन बुधवार को संसद में इसके खिलाफ मतदान के बाद इसे निरस्त कर दिया गया। मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा, लेकिन इसने देश की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी। मार्शल लॉ की घोषणा को विपक्ष के साथ-साथ सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी ने भी तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा।

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