Wednesday, September 10, 2025
Homeभारतमणिपुरः राष्ट्रीय राजमार्ग- 2 खोलने पर सहमत हुआ कुकी समुदाय, शांति के...

मणिपुरः राष्ट्रीय राजमार्ग- 2 खोलने पर सहमत हुआ कुकी समुदाय, शांति के लिए बड़ा कदम

मणिपुर में शांति को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। कुकी-जो काउंसिल और गृह मंत्रालय के बीच गुरुवार को हुई बैठक में एनएच-2 खोलने का फैसला लिया गया।

इंफालः मणिपुर में जारी संघर्ष के बीच एक बड़े घटनाक्रम में कुकी जो काउंसिल (केजेडसी) ने यात्रियों और आवश्यक वस्तुओं की मुक्त आवाजाही के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (एनएच-2) खोलने पर सहमति व्यक्त की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से 4 सितंबर (गुरुवार) को इसकी घोषणा की गई है।

इस समझौते पर हस्ताक्षर गुरुवार को नई दिल्ली में वार्ता के दौरान हुए जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग-2 खोलने पर सहमति व्यक्त की गई। इसे एक बड़े फैसले के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में इस राजमार्ग के खुलने के बाद अब यात्रियों और जरूरी सामानों को लाने-ले जाने का आवागमन बिना प्रतिबंध के किया जा सकेगा।

कुकी जो काउंसिल ने सुरक्षा बलों के साथ सहयोग का लिया संकल्प

कुकी-जो काउंसिल ने इस मार्ग पर शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बलों के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया है। यह घटनाक्रम गृह मंत्रालय और केजेडसी के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक में हुआ है।

गौरतलब है कि मणिपुर में बीते 2 सालों से अधिक समय से जातीय हिंसा जारी है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच यह संघर्ष मई 2023 में शुरू हुआ था। यह संघर्ष तब हुआ जब पहाड़ियों में आदिवासी समूहों ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आवाज उठाई थी जिसमें तत्काली बीरेन सिंह की सरकार को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जाति का दर्जा देने का निर्देश दिया गया था।

यह भी पढ़ें – नूर खान एयरबेस की मरम्मत में जुटा पाकिस्तान, ऑपरेशन सिंदूर में हो गया था तबाह; सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

इस हिंसा में कुकी और मैतेई समुदाय तथा सुरक्षाबलों के 260 लोग मारे गए हैं। हालांकि बीते कुछ समय से राज्य में अपेक्षाकृत रूप से शांति थी।

केंद्र सरकार और केजेडसी की बैठक में एनएच-2 खोलने के अलावा त्रिपक्षीय संचालन निलंबन (SoO) समझौते में भी संशोधन किया गया है। इस समझौते में पुनर्निर्धारित आधारभूत नियम शामिल हैं जो अगले वर्ष के लिए तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। ये संशोधित शर्तें मणिपुर की क्षेत्रीय सीमाओं को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करती हैं।

क्या है इस समझौते का उद्देश्य?

कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन और यूनाइटेड पीपल्स फ्रंट ने अपने सात शिविरों को संघर्ष-प्रवण क्षेत्रों से दूर स्थानांतरित करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसे तनाव कम करने और शांति प्रक्रिया में सहायता के उद्देश्य से किया गया है।

इसके अलावा इस समझौता का उद्देश्य निर्धारित शिविरों की संख्या को कम करना है तथा यह भी सुनिश्चित करना है कि हथियारों को निकटतम सीआरपीएफ या बीएसएफ शिविरों में स्थानांतरित किया जाए। ऐसे उपाय क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बढ़ाने के उद्देश्य से डिजाइन किए गए हैं।

इस समझौते में सुरक्षा बलों द्वारा कैडरों का भौतिक सत्यापन भी शामिल है। इसका उद्देश्य इन समूहों में पाए जाने वाले विदेशी नागरिकों की पहचान करना है और उन्हें हटाना है। यह प्रक्रिया व्यवस्था बनाए रखने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

इसकी निगरानी के लिए एक संयुक्त निगरानी समूह भी बनाया गया है जो इन संशोधित आधारभूत नियमों के प्रवर्तन की देखरेख करेगा। किसी भी प्रकार का उल्लंघन होने पर इसका कड़ाई से समाधान किया जाएगा। इसमें यह भी कहा गया कि यदि आवश्यकता पड़ी तो SoO समझौते की समीक्षा भी की जा सकती है। इसका उद्देश्य शांति प्रयासों का अनुपालन और निरंतरता सुनिश्चित करना है।

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा