नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार (7 सितंबर) को चुनाव आयोग पर कर्नाटक में “महत्वपूर्ण जानकारी रोकने” का आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह “वोट चोरी के लिए भाजपा क बैक ऑफिस” बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक के अलंद निर्वाचन क्षेत्र में कथित धोखाधड़ी से संबंधित जांच में चुनाव आयोग ने जानकारी छिपाई है।
खड़गे ने इस संबंध में एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया जिसमें इस मामले में मीडिया रिपोर्ट ने दावा किया गया था कि 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले फॉर्म 7 के आवेदनों में जालसाजी करके मतदाताओं को हटाने के प्रयास से जुड़ा यह मामला ठंडा पड़ गया है क्योंकि चुनाव आयोग ने आरोपियों का पता लगाने के लिए आवश्यक प्रमुख दस्तावेज नहीं शामिल किए।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या लिखा?
खड़गे ने लिखा “इस घटनाक्रम को समझें। मई 2023 के कर्नाटक चुनावों से पहले कांग्रेस ने अलंद निर्वाचन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाने का खुलासा किया था। फॉर्म 7 के आवेदनों में जालसाजी करके एक बेहद परिष्कृत अभियान के जरिए हजारों मतदाताओं के अधिकार छीन लिए गए।”
उन्होंने कहा कि फरवरी 2023 में एक मामला दर्ज कराया गया था और जांच में 5994 जाली आवेदनों का खुलासा हुआ था। इससे बड़े पैमाने पर मतदाता धोखाधड़ी स्पष्ट सबूत मिले। कांग्रेस सरकार ने तब दोषियों को पकड़ने के लिए सीआईडी जांच के आदेश दिए थे।
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खड़गे ने आरोप लगाया “जबकि ईसीआई ने पहले जालसाजी का पता लगाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों का हिस्सा साझा किया था, अब उसने महत्वपूर्ण जानकारी को रोक दिया है- प्रभावी रूप से वोट चोरी के पीछे के लोगों को बचा रहा है।”
उन्होंने आगे पूछा कि चुनाव आयोग ने अचानक महत्वपूर्ण सबूतों को क्यों रोक दिया? उन्होंने सवाल किया कि ऐसा करके यह (चुनाव आयोग) किसे बचा रहा है? भाजपा के वोट चोरी विभाग को? क्या चुनाव आयोग सीआईडी जांच को पटरी से उतारने के लिए भाजपा के दबाव में झुक रहा है?
लोकतंत्र की रक्षा सर्वोपरि
मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस दौरान जोर देकर कहा कि लोगों के मताधिकार की रक्षा और भारतीय लोकतंत्र की रक्षा सर्वोपरि है।
साल 2023 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी भोजराज ने अलंद निर्वाचन क्षेत्र से करीब 10 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। उन्होंने भाजपा के सुभाष गुट्टेदार को हराया था।
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गौरतलब है कि विपक्ष बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सवाल उठा रहा है। वहीं, चुनाव आयोग पूरे देश में एसआईआर को लेकर तैयारियां कर रहा है। इसके लिए नई दिल्ली में 10 सितंबर को एक बैठक होनी है। बैठक में एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा होगी और इसके बाद पूरे देश में इसे कराने को लेकर विचार किया जाएगा।
10 सितंबर को होने वाली इस बैठक में सभी राज्यों के चुनाव आयुक्तों के साथ वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी रहेगी।