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जम्मू नगर निगम की वेबसाइट पर साइबर हमला, हैकरों ने कई महत्वपूर्ण डेटा चुराया: रिपोर्ट

जम्मू: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में बढ़े तनाव के बीच जम्मू नगर निगम की वेबसाइट पर एक बड़ा साइबर हमला हैकरों ने किया है। शीर्ष खुफिया सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को जम्मू नगर निगम की वेबसाइट पर साइबर हमले में हैकरों ने कई महत्वपूर्ण डेटा चुरा लिया। 

न्यूज-18 की रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने बताया कि डेटा चोरी की घटना में सभी प्रमाण पत्र और डेटाबेस, जिनमें संभवतः आधार संख्या, संपत्ति रिकॉर्ड, कर विवरण और प्रशासनिक दस्तावेज और बुनियादी ढांचा योजनाएं जैसे रिकॉर्ड शामिल हैं।

सूत्रों ने कहा, ‘इस तरह के हमले पाकिस्तान समर्थित साइबर ऑपरेशन के पैटर्न से मेल खाते हैं, जिसका उद्देश्य भारतीय प्रशासनिक ढांचे को अस्थिर करना है। यह जानबूझकर किया जाता है, खासकर जम्मू और कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में इसे किया गया है।’

इस पूरे मामले पर अभी और विस्तृत जानकारी का इंतजार है। इससे पहले कल गुरुवार को पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित हैकर समूहों जैसे कि ‘साइबर ग्रुप HOAX1337’ और ‘नेशनल साइबर क्रू’ ने कुछ भारतीय वेबसाइटों को हैक करने का असफल प्रयास किया। साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने उनके प्रयासों को विफल कर दिया।

हाल ही में आर्मी पब्लिक स्कूल नगरोटा और सुंजवान की वेबसाइट को निशाना बनाया गया था। इसके अलावा एक अलग घटना में, भूतपूर्व सैनिकों की स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी एक वेबसाइट को भी हैकरों द्वारा निशाना बनाया गया।

10 लाख से अधिक साइबर हमले दर्ज: महाराष्ट्र साइबर सेल

महाराष्ट्र साइबर सेल द्वारा तैयार की गई एक विस्तृत रिपोर्ट ‘इकोज ऑफ पहलगाम’ में खुलासा हुआ है कि 23 अप्रैल के बाद से देश पर करीब 10 लाख साइबर हमले हो चुके हैं। ये हमले न केवल डिजिटल सुरक्षा को चुनौती दे रहे हैं, बल्कि देश के क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी खतरे में डाल रहे हैं।

समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र साइबर सेल के प्रमुख यशस्वी यादव ने बताया, “पहलगाम हमले के बाद साइबर हमलों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। यह कोई सामान्य डिजिटल हमला नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साइबर युद्ध है, जिसका मकसद भारत की डिजिटल और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करना है।”

रिपोर्ट के अनुसार, ये हमले मुख्य रूप से पाकिस्तान, मध्य पूर्व, मोरक्को और इंडोनेशिया से संचालित हो रहे हैं। इन हमलों के पीछे स्वयं को इस्लामिक ग्रुप्स बताने वाले साइबर संगठन सक्रिय हैं, जिनमें पाकिस्तान का टीम इन्सैन पीके सबसे प्रमुख है। 

इसके अलावा, बांग्लादेश का एमटीबीडी और इंडोनेशिया का इंडो हेक्स सेक जैसे ग्रुप भी भारतीय टेलीकॉम डेटा और स्थानीय प्रशासनिक पैनलों को निशाना बना रहे हैं। ये हमले 26 अप्रैल से शुरू हुए और कई मामलों में सफल भी रहे। डार्क वेब पर भारतीय टेलीकॉम का टेराबाइट डेटा लीक होने की घटना ने देश की साइबर सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

महाराष्ट्र साइबर ने कुछ अटैक्स को रोका है, लेकिन रिपोर्ट बताती है कि भारत की क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर,जैसे रेलवे,बैंकिंग और सरकारी पोर्टल्स पर खतरा मंडरा रहा है। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि कई जगहों पर साइबर सुरक्षा कमजोर है,जिसकी वजह से अटैक सफल हुए। डार्क वेब पर भारतीय टेलीकॉम का टेराबाइट डेटा लीक किया गया है, जिससे देश की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा होता है।

यशस्वी यादव ने बताया कि कई सरकारी और निजी संस्थानों में साइबर सुरक्षा व्यवस्था कमजोर है, जिसका फायदा हैकर्स उठा रहे हैं। हमने सभी एजेंसियों से अनुरोध किया है कि वे अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत करें। रेड टीम असेसमेंट, डीडीओएस फेलओवर टेस्ट और सिस्टम ऑडिट्स को अनिवार्य करना होगा।

‘इकोज़ ऑफ पहलगाम’ रिपोर्ट को राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि साइबर युद्ध अब भौतिक हमलों जितना ही खतरनाक हो चुका है।

(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)

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