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‘सामना’ के लेख में छत्रपति शिवाजी की तुलना औरंगजेब से करने पर महाराष्ट्र में गरमाई सियासत

मुंबईः महाराष्ट्र में नागपुर हिंसा और औरंगजेब को लेकर सियासत जारी है। सामना के लेख को लेकर भाजपा नेताओं ने सवाल उठाए हैं। भाजपा विधायक अतुल भटखलकर ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना औरंगजेब से करना पूरी तरह से गलत है।

भाजपा विधायक अतुल भटखलकर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “सामना का ऐसा बोलना राष्ट्रद्रोह जैसा है। छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना औरंगजेब से करना पूरी तरह से गलत है। शिवाजी महाराज ने अपना पूरा जीवन औरंगजेब के खिलाफ लड़ाई में बिताया, जिसने (औरंगजेब) हिंदुओं पर जजिया कर लगाया और काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट कर दिया। औरंगजेब का महिमामंडन करने वाले संजय राउत या उद्धव ठाकरे जैसे नेता अब पूरी तरह से कांग्रेस के वफादार बन गए हैं। यह स्पष्ट रूप से उनके असली राजनीतिक रुख को उजागर करता है।”

उद्धव और आदित्य ठाकरे पर भाजपा ने साधा निशाना

उन्होंने कहा, “मैं उन्हें (उद्धव ठाकरे) बता देता हूं कि पीएम मोदी ही हैं, जिन्होंने राम मंदिर बनाया और उनकी पार्टी ने ही बाबरी मस्जिद को गिराया। उद्धव ठाकरे की बात करूं तो जिन्होंने अपने पिता बालासाहेब ठाकरे का स्मारक बनाने के लिए सरकार से पैसा मांगा है, वो क्या औरंगजेब की कब्र को नष्ट करेंगे।”

अतुल भटखलकर ने आदित्य ठाकरे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “आदित्य ठाकरे अपरिपक्वता से काम कर रहे हैं। मैं उन्हें सलाह दूंगा कि वे बेबुनियाद बयान देना बंद करें और इसके बजाय विधानसभा में आएं, चर्चा में भाग लें और वर्ली के लोगों के प्रति जवाबदेह बनें।”

शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा, “मैं छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना औरंगजेब से करने के लिए ‘सामना’ की कड़ी निंदा करता हूं। अगर बालासाहेब ठाकरे आज जीवित होते, तो वे इस तरह के लेखन को कभी बर्दाश्त नहीं करते। सामना ने पहले औरंगजेब और अफजल खान की आलोचना की थी, अब उन्हें उचित ठहरा रहा है। साथ ही उनका महिमामंडन कर रहा है, ऐसा लगता है कि भाजपा से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण वो ऐसा कर रहे हैं। वे किसका बचाव कर रहे हैं? औरंगजेब, जिसने लाखों हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन किया, उसने अपने बेटे, पिता या भाइयों को भी नहीं बख्शा। मुझे लगता है कि कांग्रेस के साथ जुड़ने की वजह से उनकी विचारधारा ऐसी हो गई है।”

शिवसेना के विधायक ने भी की आलोचना

नागपुर हिंसा पर शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा, “पूरा देश देख रहा है और किसी के कुछ कहने या किसी घटना के घटित होने के बारे में जो दावे किए जा रहे हैं, वे पूरी तरह सच नहीं हैं। महाराष्ट्र में लोगों में बढ़ती भावनाएं छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदुओं के खिलाफ ऐतिहासिक अन्याय की प्रतिक्रिया हैं। नागपुर में अशांति किसी विशेष बयान से शुरू नहीं हुई। अगर ऐसा होता, तो पूरे राज्य में अशांति होती, सिर्फ एक शहर नहीं।”

नागपुर हिंसा पर शिवसेना विधायक अर्जुन खोतकर ने कहा, “मेरा मानना है कि मुख्यमंत्री के बयान के बाद अब चर्चा करने के लिए कुछ नहीं बचा है। उन्हें स्थिति पर बारीकी से नज़र रखनी चाहिए। मुझे लगता है शांति बहाल हो गई है और उसी के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।”

‘सामना’ के लेख पर शिवसेना विधायक अर्जुन खोतकर ने कहा, “सामना का विषय उनका मामला है। उन्हें क्या लिखना चाहिए और क्या नहीं, यह उनका विशेषाधिकार है। आजकल, बहुत से लोग सामना नहीं पढ़ते हैं।”

नागपुर में मौजूदा स्थिति पर भाजपा विधायक प्रवीण दटके ने कहा, “फिलहाल नागपुर के सभी इलाके शांतिपूर्ण हैं। कल रात शांति भंग करने की एक छोटी सी कोशिश की गई थी, लेकिन अब सब कुछ नियंत्रण में है। एसआरपीएफ और सीआरपीएफ बटालियनों सहित पुलिस की एक महत्वपूर्ण उपस्थिति पूर्ण स्थिरता सुनिश्चित कर रही है। यह घटना एक सुनियोजित साजिश थी, क्योंकि जहां दोनों समाज के घर और पार्किंग हैं, वहां सिर्फ एक पक्ष को टारगेट किया गया। इस मामले में पुलिस जांच कर रही है।”

नागपुर में हिंसा के दौरान महिला पुलिस अधिकारी से छेड़छाड़ पर भाजपा विधायक प्रवीण दटके ने कहा, “महिला पुलिस अधिकारी को परेशान किया गया। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।”

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