Friday, October 10, 2025
Homeभारतमहाराष्ट्रः भाषा पैनल ने फड़नवीस सरकार के हिंदी को अनिवार्य बनाने वाले...

महाराष्ट्रः भाषा पैनल ने फड़नवीस सरकार के हिंदी को अनिवार्य बनाने वाले फैसले का किया विरोध

मुंबईः महाराष्ट्र सरकार की भाषा सलाह समित ने राज्य सरकार के उस फैसले का विरोध किया है जिसमें कक्षा एक से बच्चों के लिए हिंदी को अनिवार्य कर दिया गया था। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यह फैसला लिया था। पैनल ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की भी मांग की है। 

भाषा पैनल के प्रमुख लक्ष्मीकांत देशमुख ने इस बारे में सीएम देवेंद्र फड़नवीस को लिखकर फैसले को रद्द करने की मांग की है। गौरतलब है कि बीती 17 अप्रैल को फड़नवीस सरकार ने राज्य में कक्षा एक से हिंदी भाषा को अनिवार्य कर दिया था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत महाराष्ट्र में अब मराठी और अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी भी पढ़ाई जाएगी। 

स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा लिया गया फैसला

वहीं, स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्ज एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) के निदेशक राहुल अशोक ने कहा कि स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा यह फैसला 16 अप्रैल को लिया गया था। 

समाचार एजेंसी एएनआई ने राहुल अशोक के हवाले से लिखा “महाराष्ट्र सरकार की ओर से स्कूली शिक्षा विभाग ने एक निर्णय लिया जिसके तहत हिंदी को मराठी और अंग्रेजी के साथ कक्षा एक से सभी स्कूलों में अनिवार्य कर दिया गया है। यह निर्णय सभी नियुक्तियों और उनके विकास को ध्यान में रखकर लिया गया है और छात्रों को इसका लाभ निश्चित रूप से मिलेगा।”

महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले का क्षेत्रीय दलों ने विरोध किया था और इसी के चलते ऐसी चर्चाएं हैं कि करीब 20 साल से राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ आ सकते हैं। दोनों नेताओं ने इस बात के संकेत दिए हैं। 

विपक्षी दलों के विरोध के बाद सीएम फड़नवीस ने कहा “मराठी भाषा महााराष्ट्र में अनिवार्य है- इसे सभी को सीखना चाहिए। इसके साथ ही यदि आप दूसरी भाषाएं सीखना चाहते हैं तो आप सीख सकते हैं। हिंदी का विरोध और अंग्रेजी को बढ़ावा देना आश्चर्यजनक है। यदि कोई मराठी का विरोध करता है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

विपक्षी नेताओं ने सरकार पर साधा निशाना 

राज्य सरकार के इस फैसले के बाद विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी ने महायुति गठबंधन की सरकार पर निशाना साधा। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा “महाराष्ट्र में सीबीएसई बोर्ड को अनिवार्य बनाने के शिक्षा मंत्री के बयान का विरोध करने वालों में मैं पहले थी। राज्य में मौजूदा बोर्ड के स्थान पर दूसरा बोर्ड लाने की क्या जरूरत है? हमें राज्य में बुनियादी शिक्षा ढांचे के बारे में बात करना चाहिए।”

वहीं कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवीर ने भी इस कदम का कड़ा विरोध करते हुए सरकार से भाषा को न थोपने को कहा था। 

वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा था “हम सब कुछ करेंगे यदि आप हमसे प्यार से कहेंगे लेकिन यदि आप कुछ थोपेंगे तो हम इसका विरोध करेंगे। हिंदी के लिए यह दबाव क्यो?”

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा