बरेली और देश के कई राज्यों में जारी ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद की आग अब महाराष्ट्र तक पहुँच गई है। रविवार देर रात अहिल्यानगर (पहले अहमदनगर) के मिलीवाड़ा इलाके में सड़क किनारे बनी रंगोली पर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा ‘आई लव मोहम्मद’ लिख दिए जाने के बाद तनाव फैल गया। सोमवार सुबह इसका वीडियो वायरल होते ही स्थानीय मुस्लिम युवाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और व्यस्त अहिल्यानगर-संभाजी राजमार्ग को जाम कर दिया।
पुलिस ने राजमार्ग से जाम हटाने के लिए हल्के बल का प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया। इस दौरान पुलिस ने करीब 30 लोगों को हिरासत में लिया।
पुलिस ने बताया कि रंगोली बनाने के आरोप में दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, हंगामे के दौरान 30 लोगों को हिरासत में लिया गया। फिलहाल इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें।
मुख्यमंत्री फड़नवीस ने जताई ‘साजिश’ की आशंका
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने यवतमाल में इस घटना पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि समाज में जानबूझकर तनाव पैदा करने की कोशिश हो रही है। हमें यह देखना होगा कि कहीं इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं है।
फड़नवीस ने कहा कि चुनाव के दौरान जिस तरह माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई थी, वैसा ही अब फिर से करने का प्रयास हो रहा है। हर किसी को अपने धर्म का पालन करने की आज़ादी है, लेकिन इस तरह समाज में तनाव फैलाना बिल्कुल गलत है।
गौरतलब है कि ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद की शुरुआत इस महीने कानपुर में बारावफात जुलूस के दौरान हुई थी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में प्रदर्शन और टकराव देखने को मिले। बरेली और नागपुर में हिंसा हुई, वहीं लखनऊ, उन्नाव और हैदराबाद में बड़े पैमाने पर रैलियां निकाली गईं।
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हाल में बरेली में हुई हिंसा में मौलाना तौकीर रजा समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कई उपद्रवियों को भी हिरासत में लिया गया है।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर नारे का बचाव किया और पुलिस कार्रवाई की आलोचना की। उन्होंने कहा कि आई लव मोहम्मद कहना कोई अपराध नहीं है। इस बयान के बाद यह विवाद राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक बहस का हिस्सा बन गया। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे हिंदुत्व बनाम धार्मिक कट्टरता का मुद्दा बताते हुए सख्त रुख अपनाया है।