Friday, October 10, 2025
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महाकुंभः सीएम योगी के साथ बैठक में संतों ने गंगा में नाले का पानी, अधूरे पुल और सड़कों की रखी समस्याएं

महाकुंभनगरः प्रयागराज दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की तैयारियां का जायजा लेते हुए तमाम अखाड़ों के संतों से मुलाकात की। मेला प्राधिकरण कार्यालय पर संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यमाथ को अपनी समस्याओं से अवगत कराया, जिसे दूर करने का उन्होंने आश्वासन दिया।

सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि आज हमारे 13 अखाड़ों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बैठक बहुत सार्थक रही। मुख्यमंत्री योगी ने सभी संतों को आश्वासन दिया है कि महाकुंभ में बेहतर प्रबंधन किया जाएगा। वे स्वयं एक संत हैं और सभी संत उनका बहुत आदर करते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि इस बार का महाकुंभ भव्य और दिव्य हो। इसके लिए संत समाज अपना पूरा सहयोग देगा। यहां के मेला अधिकारी बहुत अनुभवी व्यक्ति हैं। उनकी देखरेख में 2019 में महाकुंभ का सफल आयोजन हुआ था। जो छोटे-मोटे नालों का पानी गंगा में जाता है। उसे सीएम योगी ने ठीक करने का आश्वासन दिया है।

पुल और सड़कें जल्द तैयार कराने का आश्वासन

निर्मल अखाड़े के सचिव रवींद्र शास्त्री ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सूचित किया है कि शहर और मेला मैदान में अधूरे काम को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। शिविर स्थापित कर दिए गए हैं, लेकिन पुल और सड़कें तैयार नहीं हैं। उन्होंने सभी लंबित पड़े कामों को जल्द पूरा कराने का आश्वासन दिया है।

महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखभाल के लिए इस बार विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप स्वस्थ महाकुंभ की योजना को साकार करने के लिए मेला क्षेत्र में युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है।

40 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने का अनुमान

सनातन संस्कृति के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ 2025 में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने का अनुमान है। स्वच्छ और स्वस्थ महाकुंभ की सीएम योगी की मंशा के मुताबिक महाकुंभ मेला क्षेत्र को पूरी तरह ओडीएफ बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

इस योजना के मुताबिक मेला क्षेत्र में रिकॉर्ड 1,50,000 शौचालय बनाए जा रहे हैं। मेला क्षेत्र के शौचालयों के स्लज का निस्तारण जल निगम, नगरीय ने 3 अस्थायी और नैनी, झूंसी के स्थायी एसटीपी और अरैल के फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट की मदद से किया जाएगा।

(यह कहानी आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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