Saturday, December 6, 2025
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मध्य प्रदेशः 5 राज्यों में पराली जलाने में कृषि मंत्री शिवराज सिंह का राज्य सबसे आगे

आईसीएआर ने पराली जलाने की 5 राज्यों में घटनाएं दर्ज कीं। इन घटनाओं में सर्वाधिक मध्य प्रदेश में दर्ज की गईं जो कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह का गृह प्रदेश है।

भोपालः देश में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को लेकर यह खुलासा हुआ है केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह राज्य मध्य प्रदेश पराली जलाने के मामले में सबसे आगे है। हालिया आंकड़ों के मुताबिक, इस बात का खुलासा हुआ है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने उपग्रह रिमोट सेंसिंग के जरिए धान के अवशेष जलाने को लेकर छह राज्यों में अध्ययन किया था। इस दौरान पराली जलाने की 33,028 घटनाएं सामने आईं।

ICAR के अध्ययन में ये राज्य शामिल

आईसीएआर के अध्ययन में जिन छह राज्यों को शामिल किया गया है उनमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश हैं। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, पराली जलाने की 33,028 घटनाओं में से सर्वाधिक मध्य प्रदेश में 17,067 दर्ज की गईं। यह कुल संख्या का 52 फीसदी है।

15 सितंबर से 30 नवंबर के बीच मध्य प्रदेश में ये घटनाएं दर्ज की गईं। यह संख्या इसी अवधि में पांच राज्यों में पराली जलाने की सक्रिय घटनाओं की कुल संख्या से कहीं ज्यादा है। पांच राज्यों में इसी समयावधि के दौरान दर्ज की गई कुल घटनाएं 15,961 हैं।

पांच अन्य राज्यों में पंजाब में पराली जलाने की 5,114 घटनाएं सामने आईं। वहीं, हरियाणा में 662 घटनाएं दर्ज की गईं। इसी तरह उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की 7,290 घटनाएं दर्ज की गईं। वहीं राजस्थान में कुल 2,890 घटनाएं दर्ज की गईं। राजधानी दिल्ली में सिर्फ 5 घटनाएं देखने को मिलीं। हालांकि, यहां पर खेती योग्य भूमि भी इन राज्यों की तुलना में काफी कम है।

30 नवंबर को किए गए अध्ययन में छह राज्यों में पराली जलाने की 292 घटनाएं सामने आईं। इस दौरान भी मध्य प्रदेश आगे रहा। 30 नवंबर के सर्वेक्षण में पराली जलाने की मध्य प्रदेश कुल 160 घटनाएं सामने आईं। वहीं, अन्य पांच राज्यों में मिलाकर कुल 132 घटनाएं दर्ज की गईं। इस दिन पंजाब, हरियाणा में 2,3 घटनाएं दर्ज की गईं। वहीं, उत्तर प्रदेश में 125 घटनाएं दर्ज की गईं। इस दौरान राजस्थान में सिर्फ 2 घटनाएं सामने आईं।

पराली जलाने की घटनाएं

इन घटनाओं के विश्लेषण से पता चला है कि मध्य प्रदेश में पराली जलाने की सर्वाधिक घटनाएं ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से आई हैं। 15 सितंबर से 30 नवंबर के बीच पराली जलाने की 17,067 सक्रिय घटनाओं में से सबसे अधिक 2,643 राजस्थान की सीमा से लगे श्योपुर जिले में दर्ज की गईं। ग्वालियर जिले में 1,930 घटनाएं और उसके बाद निकटवर्ती दतिया में 1,797 घटनाएं दर्ज की गईं। इसी क्षेत्र के अन्य जिले जहां पराली जलाने की महत्वपूर्ण सक्रिय घटनाएं दर्ज की गईं उनमें अशोकनगर (506) और मुरैना में 64 शामिल हैं।

भारत में पराली जलाने का मुद्दा राजनैतिक चर्चाओं में शामिल रहा है। राजधानी दिल्ली और आसपास के जिलों में बढ़ते प्रदूषण का एक कारक पराली जलाने को बताया जाता रहा है। दिल्ली में अक्टूबर-दिसंबर के बीच बढ़ते प्रदूषण को लेकर अक्सर पंजाब और हरियाणा की भागीदारी का जिक्र होता है।

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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