Friday, October 10, 2025
Homeभारतलोकसभा चुनाव: इंदौर से भाजपा उम्मीदवार की देश में 'सबसे बड़ी' जीत,...

लोकसभा चुनाव: इंदौर से भाजपा उम्मीदवार की देश में ‘सबसे बड़ी’ जीत, नोटा ने भी बना दिया रिकॉर्ड

इंदौर: मध्य प्रदेश का इंदौर लोकसभा सीट जो चुनाव से पहले कांग्रेस उम्मीदवार के अचानक नाम वापस लेने की वजह से चर्चा में था, वहां से दिलचस्प नतीजे सामने आए हैं। दरअसल, उम्मीद के मुताबिक भाजपा के शंकर लालवानी बड़े अंतर से जीत हासिल करने में कामयाब रहे। वहीं, नोटा के लिए 218674 वोट पड़े।

नोटा के वोट ने बनाया रिकॉर्ड

इंदौर लोकसभा सीट पर नोटा दूसरे स्थान पर रहा। किसी लोकसभा सीट में पहली बार नोटा के लिए इतने वोट पड़े हैं। नोटा (NOTA) का विकल्प उन मतदाताओं के लिए होता है जो मौजूद उम्मीदवारों में से किसी को वोट नहीं देना चाहते हैं। नोटा का विकल्प करीब एक दशक पहले ही मतदाताओं को दिया गया था। इससे पहले नोटा से जुड़ा ऐसा रिकॉर्ड बिहार की गोपालगंज सीट के नाम था। 2019 के लोकसभा चुनावों में बिहार की गोपालगंज लोकसभा सीट पर 51,660 नोटा वोट दर्ज किए गए थे जो निर्वाचन क्षेत्र में पड़े कुल वोटों का लगभग 5 प्रतिशत था।

2013 में शुरू हुआ था नोटा का विकल्प

सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद सितंबर 2013 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर नोटा विकल्प देना शुरू किया गया था। उसके बाद 2014 के लोकसभा चुनावों में तमिलनाडु के नीलगिरी में नोटा के लिए 46,559 वोट दर्ज किए गए थे, जो उस क्षेत्र में डाले गए कुल वोट का लगभग 5 प्रतिशत था। वहीं, उम्मीदवार के नाम वापस लेने की वजह से इंदौर लोकसभा सीट के 72 साल के इतिहास में पहली बार कांग्रेस चुनावी दौड़ से बाहर हो गई थी। इंदौर में मतदान 13 मई को हुआ था, जिसमें 25.27 लाख मतदाताओं में से 61.75 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

देश में लालवानी के नाम सबसे बड़ी चुनावी जीत

भाजपा के शंकर लालवानी को इंदौर के मतदान में 12 लाख 26 हजार 751 वोट मिले। इस तरह से भाजपा ने यहां पर अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया। वहीं, शंकर लालवानी देश में सबसे बड़ी चुनावी जीत हासिल करने वाले शख्स भी बन गए हैं। उनकी जीत का अंतर 1,00,8077 है। इससे पहले सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड गुजरात की नवसार सीट के नाम था। 2019 में तब भाजपा के सीआर पाटिल नवसार सीट से 6.90 लाख वोटों से जीते थे।

गौरतलब है कि इंदौर में कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी बनाए अक्षय कांति बम ने चुनाव से ठीक पहले अपना नाम वापस ले लिया था। इस कारण से कांग्रेस इंदौर में चुनाव नहीं लड़ पाई थी। बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद कांग्रेस ने जनता से नोटा पर वोट देने की अपील की थी और लोगों को अपना विरोध दर्ज कराने को कहा था। बहरहाल, लालवानी यहां से दूसरी बार जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं।

दूसरी ओर टीकमगढ़ (एससी) सीट पर केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार जीत हासिल करने में कामयाब रहे। उन्होंने अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी पंकज अहिरवार को 4,03,312 वोटों से हराया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा