Friday, October 10, 2025
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पिछले साल देश में फैलीं थीं 1800 से अधिक बीमारियां, सबसे ज्यादा मामले केरल में हुए थे दर्ज

नई दिल्ली: एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) ने बताया है कि पिछले साल भारत में कुल 1862 बीमारियां फैली थी। आईडीएसपी के अनुसार, साल 2023 में केरल में सबसे ज्यादा 253 बीमारियां दर्ज की गई थी।

केरल के बाद कर्नाटक में 223, महाराष्ट्र में 208 और मध्य प्रदेश में 140 बीमारियों का प्रकोप देखने को मिला था। शुक्रवार को स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इसकी जानकारी लोकसभा में दी है।

एक प्रश्न के लिखित उत्तर अनुप्रिया पटेल ने इस पर बोला है और कहा है कि देश में रोग की निगरानियों को बढ़ाने के लिए स्वास्थ सरकार ने आईडीएसपी को मजबूत किया है।

पटेल में यह भी कहा कि देश में आगे चलकर किसी महामारी या फिर सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनकी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद भी कर रहा है।

2021 में शुरू हुआ था प्लेटफॉर्म

आईडीएसपी में ट्रेनिंग प्राप्त टीम होती है जो किसी भी हेल्थ एमर्जेंसी को आसानी से और जल्दी निपटनें में सक्षम है। यही नहीं (आईएचआईपी) के तहत बीमारियों की सही से निगरानी के लिए आईडीएसपी एडवांस टूलों का भी इस्तेमाल करता है जिससे रियल टाइम डेटा की जानकारी मिलती है।

ये एडवांस टूल देश के सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में मौजूद है। इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा पांच अप्रैल 2021 को की गई थी।

पोर्टल कोरोना और मंकीपॉक्स की भी करता है स्पेशल निगरानी

यह पोर्टल 33 से अधिक स्वास्थ्य स्थितियों का डेटा को जमा करता है इसका उपयोग सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किया जाता है। पोर्टल आईएलआई या एसएआरआई, कोरोना और मंकीपॉक्स की भी स्पेशल निगरानी करता है।

आईडीएसपी के तहत राज्य और जिला-स्तरीय प्रयोगशालाओं की क्षमताओं को भी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। यही नहीं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा 150 से अधिक वायरस रिसर्च और डायगोनेस्टिक प्रयोगशाला के नेटवर्क को भी तैयार किया जा रहा है।

एनआईओएच की भी हो रही है स्थापना

इसके अलावा आईसीएमआर जम्मू, जबलपुर, डिब्रूगढ़ और बेंगलुरु में चार क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं के साथ-साथ दूरदराज के क्षेत्रों में ऑन-साइट निदान के लिए दो मोबाइल बीएसएल-3 प्रयोगशालाएं भी स्थापित किया जा रहा है।

यही नहीं मनुष्य,पशु, पौधे और पर्यावरणीय स्वास्थ्य क्षेत्रों में रिसर्च करने के लिए नागपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर वन हेल्थ (एनआईओएच) की भी स्थापना की जा रही है।

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