तिरुवनंतपुरमः केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में अधिकारियों ने भारी बारिश के चलते कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इनमें राजधानी तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम, त्रिस्सूर और पतनमतिट्टा जिले शामिल हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है।
इसके साथ ही राजधानी तिरुवनंतपुरम में शुक्रवार, 26 सितंबर को सभी शैक्षणिक संस्थान बंद किए गए थे। बीते गुरुवार से यहां पर भारी बारिश हो रही थी।
केरल के कई जिलों में भारी बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक, केंद्रीय और दक्षिणी जिलों में बीते गुरुवार को भारी बारिश दर्ज की गई। त्रिस्सूर के लोयाशर में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। यहां पर 80 मिमी की बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा पथानामथिट्टा में 68 मिमी हुई। इसके साथ ही अलप्पुझा के करुमाडी जिले में 55 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा तिरुवनंतपुरम जिले में 29 मिमी बारिश हुई।
शुक्रवार को कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था। मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिनों तक भारी बारिश की संभावना व्यक्त की है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून एक बार फिर से करवट ले रहा है जिसके चलते पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, 27 सितंबर को उड़ीसा के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है।
इसके अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ के कुछ जिलों में भी भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। वहीं, आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर में भी बारिश की संभावना जताई गई है।
पूर्वोत्तर के राज्यों असम, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और अन्य जिलों में भारी बारिश की आशंका है।
मानसूनी बारिश ने बरपाया कहर
इस साल मानसूनी बारिश औसत से अधिक हुई है। पहाड़ी राज्यों से लेकर मैदानी इलाकों में बारिश ने कहर बरपाया है जिससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ है।
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में भारी बारिश के चलते भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं हुई हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब में भी भारी बारिश हुई है। पंजाब में 38 सालों के इतिहास में सबसे ज्यादा बारिश हुई जिससे हजारों एकड़ फसल बर्बाद हुई है।
इसी तरह पश्चिम बंगाल में भी इस साल भारी बारिश हुई है। यहां पर 39 साल के इतिहास में भयावह बारिश देखी गई। भारी बारिश के चलते कोलकाता में 10 लोगों की मौत हो गई। बारिश के चलते मारे गए अधिकतर लोग करंट लगने का शिकार हुए। कोलकाता में बीते 39 सालों के इतिहास इतने कम समय में इतनी वर्षा कभी नहीं हुई।
मौसम विभाग के मुताबिक, 1 से 22 सितंबर तक शहर में 178.9 मिमी बारिश दर्ज की गई, लेकिन 22 से 23 सितंबर के दौरान 24 घंटों में यह 247.4 मिमी तक पहुंच गई, जिसका अधिकांश हिस्सा देर रात से सुबह तक के 6 घंटों में हुआ। इस दौरान कुछ इलाकों में तो 300 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। यह बारिश 1978 और 1986 में हुई 251 मिमी बारिश के बाद, शहर में दर्ज की गई छठी सबसे अधिक बारिश है।