हैदराबादः भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने एमएलसी के कविता को निलंबित कर दिया है। के. कविता के निलंबन की वजह पार्टी विरोधी गतिविधियों को बताया गया है। पार्टी ने इस संबंध में एक बयान जारी कर कहा है कि अनुशासनात्मक आधार पर यह कार्रवाई की गई है। वह बीआरएस प्रमुख केसीआर की बेटी हैं।
बीआरएस के अनुशासन मामलों के प्रभारी महासचिव सोमा भरत कुमार और महासचिव संगठन टी रविंदर राव ने कहा कि केसीआर ने कविता को तत्काल बर्खास्त करने का निर्णय लिया है।
BRS ने जारी किया बयान
पार्टी द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया “बीआरएस हाई कमान ने एमएलसी कविता के व्यवहार और रवैये तथा हाल के दिनों में उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों को गंभीरता से लिया है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि उनकी गतिविधियों और बयानों से पार्टी को तत्काल नुकसान हो रहा है।”
के कविता का निलंबन ऐसे वक्त में हुआ है जब 1 सितंबर (सोमवार) को उन्होंने अपने कजिन और पूर्व सिंचाई मंत्री टी हरीश राव और पूर्व सांसद जे संतोष राव के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। कविता ने इन लोगों पर आरोप लगाए थे कि कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना में कथित घोटाले में उनके पिता को बलि का बकरा बनाते हुए संपत्ति अर्जित की थी।
के. कविता ने क्या आरोप लगाए थे?
के. कविता ने आरोप लगाया था कि जब पार्टी अध्यक्ष को कालेश्वरम परियोजना में कथित अनियमितताओं के मामले में आरोपी बनाया गया है, जिसकी जांच वर्तमान में केंद्रीय जांच ब्यूरो कर रहा है तो बीआरएस के अस्तित्व का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा “जब केसीआर को सीबीआई जांच का सामना करने के लिए मजबूर किया जाता है तो क्या इससे कोई फर्क पड़ता है कि बीआरएस बचता है या नहीं?”
इस दौरान कविता ने सीधे तौर पर हरीश राव और संतोष को अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि हरीश राव और संतोष राव ने ही योजना के प्रमुख पहलुओं को संभाला था। कविता ने इस दौरान उन्हें ‘भ्रष्टाचार का एनाकोंडा’ करार दिया था।
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दिल्ली की शराब नीति घोटाले के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी और छह महीने जेल में रहने के बाद के कविता को पार्टी में आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि वह सक्रिय राजनीति में वापस आई हैं और पार्टी नेतृत्व की नाराजगी के बावजूद स्वतंत्र रूप से ओबीसी के मुद्दों को उठाया।
क्या है कालेश्वरम परियोजना?
तेलंगाना की रेवंत रेड्डी सरकार ने कालेश्वरम बैराज परियोजना से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं की जांच का फैसला किया है। सरकार ने यह जांच सीबीआई से कराने का फैसला लिया है। सीएम रेवंत रेड्डी ने जस्टिस पीसी आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस परियोजना में कई त्रुटियां पाई गई हैं।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि इस परियोजना के तहत तीनों बैराजों का निर्माण बिना किसी खास उद्देश्य या योजना के किया गया था। इस दौरान उन्होंने इस परियोजना के अंतर्गत लगने वाले धन को बर्बादी बताया है और कहा कि करीब एक लाख करोड़ रुपये बर्बाद हो गए हैं।