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कर्नाटकः धर्मस्थल केस में शिकायतकर्ता को झूठी गवाही देने के आरोप में किया गया गिरफ्तार, SIT को मिली10 दिनों की हिरासत

कर्नाटक के धर्मस्थल मामले में एक नया ट्विस्ट सामने आया है। इस मामले में एसआईटी ने शिकायतकर्ता को गिरफ्तार कर लिया है और 10 दिनों की हिरासत में लिया है। शिकायतकर्ता की गिरफ्तारी झूठे आरोपों के चलते की गई है।

मेंगलुरुः कर्नाटक के धर्मस्थल मामले में एक नया ट्विस्ट सामने आ रहा है। अब इस मामले में शिकायतकर्ता को ही गिरफ्तार कर लिया गया है। शिकायतकर्ता को विशेष जांच दल (SIT) द्वारा गिरफ्तार किया गया है और 10 दिनों के लिए एसआईटी की हिरासत में भेज दिया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि बीते दो दशकों में धर्मस्थल में कई हत्याएं, बलात्कार और शवों को दफनाने की घटनाएं हुई हैं।

धर्मस्थल में लगे इन आरोपों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था जिसने 23 अगस्त (शनिवार) को शिकायतकर्ता को गिरफ्तार कर लिया। उसे उसके द्वारा दिए गए बयानों और दस्तावेजों में विसंगतियां पाए जाने के बाद झूठी गवाही देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। शिकायतकर्ता मंजूनाथ स्वामी मंदिर का पूर्व कर्मचारी है।

सी एन चिन्नैया के रूप में हुई शिकायतकर्ता की पहचान

समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस के हवाले से लिखा कि शिकायतकर्ता अब तक पैनल के सामने मास्क पहनकर पेश हुआ था। शिकायतकर्ता की पहचान सी एन चिन्नैया के रूप में हुई है।

पूछताछ के बाद उसे मेडिकल चेक-अप के लिए अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट विजयेंद्र के समक्ष पेश किया गया और एसआईटी ने आगे की जांच के लिए 10 दिनों की हिरासत की मांग की। पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से लिखा कि अदालत ने एसआईटी के अनुरोध को स्वीकार कर लिया।

शिकायतकर्ता की यह गिरफ्तारी उस घटना के बाद हुई है जब सुजाता भट्ट ने एक समाचार चैनल को बताया था कि उन्होंने कुछ लोगों के दबाव में आकर अपनी बेटी अनन्या भट्ट के 2003 में धर्मस्थल से लापता होने की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कथित तौर पर बताया था कि उनकी इस नाम की कोई बेटी नहीं है और संपत्ति के एक मामले में परेशान होने के कारण ऐसे आरोप लगाए थे।

कर्नाटक सरकार और एसआईटी पर शिकायतकर्ता को गिरफ्तार करने का दबाव था क्योंकि जांच दल को उन अधिकांश स्थानों पर मानव अवशेष नहीं मिले जहां उसने धर्मस्थल मंदिर के अधिकारियों के दबाव में लोगों का दफनाने का दावा किया था।

17 जगहों की खुदाई में मिले 2 अवशेष

इस मामले में अब तक 17 जगहों को खोदा गया है जिसमें से केवल दो जगहों पर ही मानव अवशेष मिले हैं। एसआईटी ने कहा कि शिकायतकर्ता के धर्मस्थल मंदिर में सफाई कर्मचारी के रूप में काम करने का दावा करने वाले कुछ लोगों ने पूछताछ में विरोधाभासी जवाब दिए हैं।

एसआईटी इस मामले में जांच कर रही है। इस बीच धर्मस्थल के धर्माधिकारी डी वीरेंद्र हेगड़े के समर्थकों ने आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता द्वारा किए गए दावे उनके और उनके परिवार को बदनाम करने की एक “बड़ी साजिश” का हिस्सा है। हेगड़ ने पहले भी इन आरोपों को निराधार बताया था और आरोप लगाया था कि यह “हिंदू धार्मिक संस्थानों पर हमला” है।

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शनिवार को कहा कि सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है जिन्हें इस मामले में दोषी पाया जाएगा।

उन्होंने कहा “जांच जारी है और सरकार न्याय के पक्ष में है, राजनीति के पक्ष में नहीं।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि मंदिर परिवार ने जांच का स्वागत किया है और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मिलकर सराहना व्यक्त की है।

शिवकुमार ने पहले इन आरोपों को धर्मस्थल की छवि खराब करने की एक साजिश कहा था और शुरुआत में भाजपा के चुप रहने पर आलोचना की थी और कहा था कि उन्हें विश्वास है कि एसआईटी जांच के माध्यम से सच्चाई सामने आएगी।

भाजपा ने इस बीच एक अंतरिम रिपोर्ट और शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों को “हिंदू देवताओं और उनके पूजा स्थलों को बदनाम करने का टूलकिट” बताया है।

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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