Friday, October 10, 2025
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कर्नाटक में पेश बजट में ऐसा क्या कुछ है जिसे भाजपा बता रही ‘तुष्टिकरण की राजनीति’?

नई दिल्ली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया शुक्रवार को राज्य का बजट पेश होने के बाद भाजपा के निशाने पर हैं। सिद्धारमैया ने रिकॉर्ड 16वां बजट पेश किया। बजट में मुस्लिम समुदाय के लिए कई बातों की घोषणा की गई है, जिसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस की तीखी आलोचना की है। भाजपा नेताओं ने इसे ‘आधुनिक मुस्लिम लीग बजट’ तक करार दिया। वहीं कर्नाटक बीजेपी ने इसे ‘हलाल बजट’ बताया।

बजट में आखिर क्या कुछ है? खासकर मुस्लिम समुदाय के लिए क्या घोषणाएं की गई हैं और भाजपा की ओर से इन पर किस तरह की प्रतिक्रिया आई है? आईए ये सबकुछ जानने की कोशिश करते हैं। साथ ही कांग्रेस ने ऐसे आरोपों का क्या जवाब दिया है, इसकी भी बात करेंगे।

मुस्लिमों से जुड़ी मुख्य घोषणाएं हैं?

सिद्धारमैया ने अपने बजट में कहा कि हज यात्रियों और उनके रिश्तेदारों को सुविधाएं और सुख-सुविधाएं प्रदान करने के लिए बेंगलुरु में हज भवन में एक अतिरिक्त भवन का निर्माण किया जाएगा। 

कर्नाटक के सीएम ने बजट भाषण में कहा कि वर्ष 2024-25 में अल्पसंख्यक महिलाओं की उच्च शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए वक्फ संस्थानों के खाली भूखंडों पर 15 महिला कॉलेजों के निर्माण के प्रयास की शुरुआत की गई है। इसके अलावा, 2025-26 के दौरान 16 नए महिला कॉलेज शुरू किए जाएंगे। 

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक कॉलोनी विकास कार्यक्रम’ के तहत 1,000 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है। वित्त वर्ष 2025-26 में कार्यों को लागू किया जाएगा।’ 

राज्य में मस्जिदों के पेश-इमामों, जैन पुजारियों, सिखों के मुख्य ग्रंथियों को दिए जाने वाले मानदेय को भी बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति माह कर दिया है। बजट में घोषणा की गई है कि सहायक ग्रंथियों और मुअज्जिन को दिए जाने वाले मानदेय को बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, श्रेणी-II बी के अंतर्गत 4 प्रतिशत सार्वजनिक निर्माण कॉन्ट्रैक्ट मुसलमानों के लिए आरक्षित करने की बात पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है।

इन सबके अलावा सरकार ने यह भी घोषणा की है कि राज्य में जैन, बौद्ध और सिख समुदायों के व्यापक विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का अनुदान निर्धारित किया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक सरकार ईसाई समुदाय के विकास लिए 250 करोड़ रुपये प्रदान करेगी। राज्य के गुरुद्वारों में आवश्यक बुनियादी ढाँचा बनाने के लिए 2 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है।

कर्नाटक के बजट पर भाजपा का आरोप

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस पर देश के संसाधनों के आवंटन में मुसलमानों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया। अमित मालवीय ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के उन बयानों का जिक्र अपने पोस्ट में किया है, जिसमें अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों का ‘संसाधनों पर पहला अधिकार’ होने की बात कही गई थी।

मालवीय के अनुसार, सिद्धारमैया की बजट घोषणा भी इसी पैटर्न पर आधारित है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने श्रेणी-II बी के तहत मुसलमानों के लिए सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों में 4 प्रतिशत आरक्षण की पुष्टि की है। कांग्रेस पर अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के अधिकारों को कमज़ोर करने का आरोप लगाते हुए, मालवीय ने इन बजटीय प्रावधानों को असंवैधानिक बताया। 

उन्होंने लिखा, ‘धर्म के आधार पर कोई आरक्षण नहीं दिया जा सकता। भारत कांग्रेस को उनकी भयावह योजनाओं में सफल नहीं होने देगा।’

कर्नाटक भाजपा ने कहा- ‘हलाल बजट’

कर्नाटक भाजपा ने एक्स पर एक पोस्ट में बजट की निंदा करते हुए इसे ‘हलाल बजट’ बताया और कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। पोस्ट में कई बातों को सूचीबद्ध किया गया है, जो भाजपा के अनुसार, केवल मुसलमानों के लिए हैं। 

इनमें मुस्लिम साधारण विवाहों के लिए 50,000 रुपये की सहायता, वक्फ संपत्तियों और कब्रिस्तानों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 150 करोड़ रुपये, मुस्लिम सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए 50 लाख रुपये और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में एक नए आईटीआई कॉलेज की स्थापना शामिल है। 

भाजपा ने केईए के तहत मुस्लिम छात्रों के लिए 50 प्रतिशत शुल्क रियायत, उल्लाल शहर में मुस्लिम लड़कियों के लिए एक आवासीय पीयू कॉलेज, बेंगलुरु के हज भवन का विस्तार और मुस्लिम छात्राओं के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग जैसी बातों का भी जिक्र किया। पोस्ट में आगे लिखा गया, ‘एससी, एसटी और ओबीसी के लिए क्या…कुछ भी नहीं।’

ये मॉर्डन मुस्लिम लीग बजट: प्रदीप भंडारी

भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सिद्धारमैया के बजट पर हमला करते हुए दावा किया कि कर्नाटक सरकार ‘बिल्कुल उसी तरह सरकार चला रही है जैसे मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान में सरकार चलाई थी।’ 

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार प्रदीप भंडारी ने कहा, ‘कर्नाटक में, कांग्रेस पार्टी ने एक मॉर्डन मुस्लिम लीग बजट पारित किया है। इस आधुनिक मुस्लिम लीग बजट में, कांग्रेस पार्टी इमामों का मानदेय बढ़ाकर 6000 रुपये कर रही है। वक्फ को 150 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए पैसा केवल अल्पसंख्यक लड़कियों को दिया जा रहा है…अल्पसंख्यकों के लाभ के लिए 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का उपयोग किया जा रहा है… कल, कर्नाटक सरकार ने हुबली दंगाइयों के खिलाफ मामले वापस लेने की बात कही। इसलिए, कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी बिल्कुल उसी तरह सरकार चला रही है जैसे मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान में सरकार चलाई थी। यह संवैधानिक मूल्यों को तरजीह नहीं दे रही है और यह केवल उन बयानों, नीतियों को लागू कर रही है जो अल्पसंख्यक समुदायों के हित में हैं।’

कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों पर क्या जवाब दिया?

इस बीच कर्नाटक के मंत्री जमीर अहमद खान ने बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए बजट के आवंटन का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘4.9 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है। यह अल्पसंख्यकों का बजट कैसे है? मुसलमानों को केवल 4,700 करोड़ रुपये दिए गए हैं। मुसलमान आबादी का 14 प्रतिशत हैं। लेकिन 4,700 करोड़ रुपये दिए गए हैं। 14 प्रतिशत आबादी के हिसाब से मुसलमानों को 60,000 करोड़ रुपये दिए जाने चाहिए थे। लेकिन सिर्फ 4,700 करोड़ रुपये दिए गए हैं। बीजेपी को कुछ समझदारी दिखानी चाहिए। अल्पसंख्यकों की शिक्षा के लिए बहुत कुछ दिया गया है।’

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